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विद्यार्थी नहीं आया स्कूल तो बुलावा टोली घर पहुंचेगी

विद्यार्थी नहीं आया स्कूल तो बुलावा टोली घर पहुंचेगी

अमर सैनी

नोएडा। परिषदीय स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति बढ़ाने के लिए विभिन्न प्रकार की योजना और कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। बच्चों की औसत उपस्थिति 75 फीसदी करने के लिए स्कूलों को प्लेस ऑफ जॉय में बदला जाएगा। इसके अलावा गैरहाजिर बच्चों की जानकारी लेने और शिक्षा के प्रति जागरूक करने के लिए प्रत्येक स्कूलों में शिक्षकों की बुलावा टोली का गठन किया जाएगा।

जिले में बेसिक के 511 विद्यालय हैं। इनमें पंजीकृत छात्र-छात्राओं की संख्या 70 हजार से अधिक है। इसके बावजूद विद्यालयों में नियमित रूप से आधे विद्यार्थी भी नहीं पहुंचते। ऐसे में विद्यालयों में छात्र-छात्राओं की उपस्थिति बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है। डीआईईटी प्रधानाचार्य आरएस यादव ने बताया कि परिषदीय विद्यालयों में बच्चों की औसत उपस्थिति 75 फीसदी निर्धारित की गई है। स्कूल शिक्षा महानिदेशक ने बेसिक शिक्षा विभाग को पत्र भेजकर इसे प्रभावी बनाने के निर्देश दिए हैं। जुलाई तक हर हाल में इसे लागू किया जाना है। स्कूलों को प्लेस ऑफ जॉय (आनंद का स्थान) में बदलने की योजना है। निर्देश में कहा गया है कि परिजनों और बच्चों को शिक्षा के लिए जागरूक करने और स्कूल का डर खत्म करने के लिए अभियान चलाया जाए। खेल, लोकगीत, नाटक, कहानी, नृत्य, निबंध, वाद-विवाद प्रतियोगिता कार्यक्रमों के माध्यम से बच्चों को पढ़ाई की ओर आकर्षित किया जाए। सरकार की तरफ संचालित योजनाओं मिड-डे मील, यूनिफार्म, जूता मोजा, स्टेशनरी, बैग आदि की जानकारी दी जाए। कक्षाओं को रोचक ढंग से सजाया जाए। बच्चों से शिक्षण कार्य कराया जाए, जिससे वे रोज स्कूल आने के लिए उत्साहित रहें। जिज्ञासा के अनुसार कहानियां सुनाई जाएं।

हर विद्यालय में एक टोली बनेगी

छात्रों की उपस्थित को लेकर हर विद्यालय में एक टोली का गठन होगा। छात्र यदि तीन दिन तक स्कूल नहीं आता है तो उसके घर विद्यालय के शिक्षक और बच्चों की टीम पहुंच जाएगी। यह जानकारी लेगी कि वह स्कूल क्यों नहीं आ रहा है। स्कूल के शिक्षक भी परिजनों को फोन कर जानकारी लेंगे। दरअसल, कई विद्यार्थी घर से स्कूल के लिए निकलते हैं, पर कक्षा नहीं पहुंचते। इसके बारे में अभिभावकों को भी कुछ पता नहीं लगता। इसका असर विद्यार्थियों के रिजल्ट पर पड़ता है। इसी वजह से विभाग ने सभी स्कूलों को परिजनों से संपर्क करने का आदेश दिया है।

शिक्षक जागरूक करेंगे

अभिभावकों और बच्चों को जागरूक करने के लिए प्रत्येक स्कूल के शिक्षक अपने क्षेत्र के घरों में जाकर अभियान चलाएंगे। वे शिक्षा का महत्व समझाते हुए परिजनों को शिक्षा के प्रति जागरूक करेगे। बच्चों के मन से स्कूल का डर खत्म करने के लिए काउंसलिंग करेंगे।

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