फीस वृद्धि पर अभिभावकों का गुस्सा थामने को आगे आए डीएम
20 अप्रैल को होगी डिस्ट्रिक्ट फी रेगुलेटरी कमेटी की बैठक
ग्रेटर नोएडा। निजी स्कूलों में मनामानी फीस वृद्धि पर अभिभावकों के गुस्से को थामने के लिए मंगलवार को जिलाधिकारी मीडिया से रूबरू हुए। उन्होंने कहा कि अब तक उन्हें सात स्कूलों की शिकायत मिली है। 20 अप्रैल को होने वाली डिस्ट्रिक्ट फी रेगुलेटरी कमेटी के सामने उन शिकायतों की जांच की जाएगी। उसके बाद कमेटी अपना निर्णय सुनाएगी। उन्होंने कहा कि बीते वर्ष सरकार ने फीस वृद्धि के बाबत कानून बनाए हैं। इसलिए स्कूलों और अभिभावकों से अनुरोध है कि वे कानून के मुताबिक ही बर्ताव करें।
सूरजपुर स्थित कलक्ट्रेट में मंगलवार को हुई प्रेस कान्फ्रेंस में जिलाधिकारी बीएन सिंह ने बताया कि बीते कुछ दिनों से निजी स्कूलों में फीस वृद्धि अभिभावक विरोध कर रहे हैं। बीते वर्ष ही उत्तर प्रदेश सरकार ने निजी स्कूलों में फीस वृद्धि के संबंध में कानून बनाया है। इसके तहत विद्यार्थी, अभिभावक और उसे स्कूल के पैरेंट टीचर एसोसिएशन के लोग शिकायत दर्ज करा सकते हैं। नियमानुसार यह शिकायत स्कूल के प्रमुख से करनी होगी। अगर 15 दिनों के भीतर वहां से कोई समाधान न निकले फिर उसकी शिकायत डिस्ट्रिक्ट फी रेगुलेटरी कमेटी को करनी होती है। उस कमेटी के प्रमुख जिलाधिकारी होते हैं। कंपलेंट आॅफलाइन या आॅनलाइन की जा सकती है। शिकायत मिलने के बाद कमेटी दूसरे पक्ष को भी अपनी बात रखने का मौका देगी और उसके बाद ही कोई कार्रवाई करेगी। उन्होंने बताया कि बीते वर्ष इस कानून का प्रचार प्रसार किया गया था। तब एपीजे स्कूल की शिकायत सच पाए जाने पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया था। इतना ही नहीं, फीस बढ़ोत्तरी को भी वापस लिया गया था।
जिलाधिकारी ने कहा कि कोई भी स्कूल किसी बच्चे को इस बात के लिए मजबूर नहीं करेगा कि वह ड्रेस, शूज, किताबें या अन्य कोई सामान निर्धारित दुकान से ही खरीदे। लेकिन, अगर ऐसा है तो पहले शिकायत आने दीजिए। उन्होंने बताया कि नियमानुसार कोई स्कूल सामान्य रूप से पांच प्रतिशत और सीपीआई की बढ़ोत्तरी कर सकता है। अगर इससे अधिक बढ़ोत्तरी करनी है तो तीन माह पहले उसे कमेटी के सामने रखनी होगी और उसे यह भी बताना होगा कि किस कारण से अधिक फीस बढ़ाने की जरूरत है।
जिलाधिकारी ने बताया कि 20 अप्रैल को कमेटी की बैठक बुलाई गई, फिलहाल उनके पास सात स्कूलों की शिकायतें हैं। उस पर चर्चा की जाएगी। उसके बाद भी जैसे-जैसे शिकायतें आएंगी, उसकी जांच की जाएगी और फिर उस पर निर्णय किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यदि किसी को कोई शिकायत हो तो वह कानून सम्मत कार्रवाई करे। कानून को हाथ में न ले, अन्यथा कानून अपना काम करेगा।