बांग्लादेशी सानिया को अभी तक न पति मिला है और न ही इंसाफ

अभिषेक ब्याहुत

नोएडा। बांग्लादेश से पति की तलाश और न्याय के लिए ग्रेटर नोएडा आई सानिया अख्तर मासूम बेटे को लेकर भटक रही है। उसे अभी तक न पति मिला है और न ही इंसाफ। पुलिस ने केंद्र सरकार की अनुमति मिलने के बाद ही कार्रवाई का हवाला देकर पल्ला झाड़ लिया है। सीएम पोर्टल और महिला आयोग से शिकायत के बावजूद न्याय नहीं मिल पाया है। धर्मपरिवर्तन कर सौरभ ने बांग्लादेश में निकाह किया था। पीडि़ता के पास निकाहनामा है।
सानिया तीन अगस्त को बांग्लादेश से अपने सवा साल के बेटे को लेकर भारत में आई थी। वकील रेणू सिंह की मदद से वह ग्रेटर नोएडा में किराये पर रहकर न्याय के लिए संघर्ष कर रही है। सानिया ने बताया कि बांग्लादेश में रहने के दौरान सौरभकांत तिवारी ने ही उसके सामने शादी का प्रस्ताव रखा था। सानिया ने शुरू में शादी से इन्कार कर दिया था। मगर सौरभ की कंपनी के अधिकारी व कुछ अन्य लोग उसे शादी के लिए समझाने लगे। हिंदू धर्म के अनुसार पहले से विवाहित होने के कारण सौरभ दूसरा विवाह नहीं कर सकता था। इसके चलते सौरभ ने पहले अपना धर्म परिवर्तन किया, इसका शपथ पत्र भी सानिया के पास मौजूद है। इसके अलावा भी उसके पास निकाहनामा समेत कई साक्ष्य मौजूद हैं। सानिया का कहना है कि पुलिस के सामने भी सौरभ यह स्वीकार कर चुका है कि उसने धर्म परिवर्तन कर निकाह किया है। इसके बावजूद पुलिस न तो एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई कर रही है और न ही उसे न्याय दिला पा रही है। पुलिस ने कहा कि केंद्र सरकार से अनुमति मिलने के बाद ही मामले में केस दर्ज कर कार्रवाई होगी। इसके चलते सानिया ने बांग्लादेशी दूतावास के जरिये केंद्र सरकार से अनुमति मांगी है।

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