चुनाव लोकसभा 2019 – नरेंद्र मोदी बनाम राहुल गाँधी
‘चुनाव भविष्यवाणी के साथ’ 2019 लोकसभा चुनाव-राहुल गांधी और नरेंद्र मोदी की कुंडली से जानें
– संजीव अग्रवाल
लोकसभा चुनाव शुरू होने से पहले ही देश में राजनीतिक चर्चाएं शुरू हो गई हैं। इसके साथ ही अगले चुनाव में किसकी जीत होगी और किसकी हार, इसको लेकर भी रोज नए-नए कयास लगाए जा रहे हैं।
इस मामले में लोगों की अपनी अपनी राय है। कुछ लोग वर्तमान प्रधानमंत्री को ही अगला प्रधानमंत्री देखना चाहते हैं। वहीं कुछ लोग इस बार कांग्रेस को मौका देने की बात कर रहे हैं, लेकिन वास्तविक तस्वीर क्या होगी और किसको जनता का मिलेगा साथ, इसका पता तो चुनावी नतीजों के बाद ही चलेगा।
सबसे पहले हम जान लेते हैं दोनों के जन्म का विवरण :
नाम : नरेंद्र मोदी, जन्मतिथि- सितंबर 17, 1950, जन्म समय : 11:00 सुबह, जन्म स्थान : बड़नगर, मेहसाणा, गुजरात।
नाम: राहुल गांधी, जन्मतिथि : जून 18, 1970, जन्म समय : 21:52 मिनट रात, जन्म स्थान : नई दिल्ली।
साल 2019 में पीएम पद के दो मुख्य दावेदार जनता को लुभाने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं, जिनमें कांग्रेस की तरफ से राहुल गांधी और भाजपा की तरफ से स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मैदान में उतर रहे हैं। हम इनको लेकर ही ज्योतिषीय गणनाओं के आधार पर आपको बताने जा रहे हैं कि आखिर किसकी कुंडली में बन रहा है सत्ता सुख का योग।
नरेंद्र मोदी के पांच साल का रिकॉर्ड :
नरेंद्र मोदी के पांच साल के कार्यकाल के दौरान देश ने कई परिवर्तन देखे। अपने फैसलों से पीएम मोदी ने जनता को कई बार चौंकाया। भले ही वो नोटबंदी हो या जीएसटी लागू करने का फैसला। इसके साथ ही देश के जवानों की शाहदत का बदला लेने के लिए सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक के उनके फैसले ने तो ये साफ ही कर दिया कि वो कड़े फैसले लेने में पीछे नहीं हटते। इन्हीं को आधार बनाकर इस वक्त 2019 के लोकसभा चुनावों में जीत दर्ज करने के लिए पीएम मोदी और उनकी पार्टी प्रयासरत है।
राहुल गांधी के जरिये कांग्रेस की होगी सत्ता वापसी!
वहीं अगर 2014 के लोकसभा चुनाव की बात करें तो उसमें हारने के बाद कांग्रेस 2019 के चुनावों में वापसी के लिए हर मुमकिन प्लानिंग कर रही है। कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी भी अब अपने नए अवतार में राजनीति के प्रखर नेताओं की भांति नजर आ रहे हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए बीते कुछ समय में उन्होंने अपनी छवि को सुधारने की दिशा में काम किया है।
गुजरात और मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों में उन्होंने अपनी सक्रियता दिखाई और शायद एक वजह यह भी रही कि दोनों ही प्रदेशों में कांग्रेस को अच्छा फायदा मिला। हालांकि 2019 लोकसभा चुनावों में कांग्रेस जीत दर्ज करती है तो प्रधानमंत्री पद के लिए कोई स्पष्ट चेहरा अभी पार्टी के सामने नहीं है फिर भी सबसे ज्यादा संभावनाएं हैं कि राहुल गांधी को ही पार्टी की ओर से प्रधानमंत्री बनाया जाएगा।
भारत में चुनाव लोकतांत्रिक पर्व है तो आइए हम आपको बताते हैं कि 2019 लोकसभा चुनाव में ज्योतिष के आधार पर किसके सिर सज सकता है ताज, और क्या कहते हैं राहुल गांधी और नरेंद्र मोदी के सितारे?
प्रधानमंत्री मोदी की कुंडली में 26 मार्च 2019 से मंगल की प्रत्यंतर दशा शुरू होगी, जो कि अंतर्गत है चंद्र की महादशा और शुक्र की अंतर्दशा में।
1 मई के बाद भी चंद्रमा और शुक्र की महादशा और अंतर्दशा जारी रहेगी, लेकिन मंगल की जगह राहु की प्रत्यंतर दशा शुरू हो जाएगी, जो कि 2 अगस्त 2019 तक चलेगी।
क्या नीच भंग राज योग दिलाएगा मोदी को सफलता? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कुंडली को देखें तो वर्तमान में नीच भंग राज योग उनके लग्न में स्थित है। उनके लग्न को देखकर पता चलता है कि उनकी आने वाली जिंदगी में भी उन्हें सफलताएं मिलेंगी। नरेंद्र मोदी की कुंडली में चंद्रमा नीच होकर भी प्रबल अवस्था में है, जो उन्हें हर परेशानी से बचा कर निकाल देगा। चूंकि चंद्रमा मन का कारक होता है और पीएम मोदी की कुंडली में यह प्रबल अवस्था में है, इसलिए इस समय उनकी मन की अवस्था प्रबल है और इसके चलते वो बड़े से बड़े काम को करने में भी विचलित नहीं होते हैं।
कई बार उनके फैसले ऐसे होते हैं, जिनकी वजह से उनको आलोचनाएं सहनी पड़ती हैं, लेकिन इन आलोचनाओं को भी वो आसानी से संभाल लेने में समर्थ हैं।
क्या कहती है शुक्र की अंतर्दशा :
नरेंद्र मोदी की अंतर्दशा शुक्र की है। शुक्र ग्रह इंसान के अंदर राजसी गुणों को बढ़ाता है। नरेंद्र मोदी के कुंडली में शुक्र ग्रह दशम भाव में बैठा हुआ है, जिसे हम कर्म भाव भी कहते हैं। कर्म भाव में शुक्र की स्थिति इंसान के स्वभाव को बहुत बल देती है और ऐसा इंसान मुश्किल परिस्थितियों में भी अपना सर्वश्रेष्ठ दे पाता है। ऐसे लोगों में अपनी वाणी को सही तरीके से इस्तेमाल करने की अच्छी क्षमता होती है और यह गुण पीएम मोदी में भी है।
चूंकि लोकसभा के चुनाव इस साल अप्रैल और मई में 7 चरणों में होंगे, इस दौरान पीएम नरेंद्र मोदी की प्रत्यंतर दशा बदल जाएगी, जो कि मंगल से राहु की हो जाएगी।
पीएम मोदी की कुंडली में प्रत्यंतर दशा का प्रभाव :
पीएम मोदी की कुंडली में मंगल लग्न में चंद्रमा के साथ स्थित होकर एक राजयोग का निर्माण कर रहा है। चूंकि पीएम मोदी की कुंडली में मंगल लग्न में है, इसलिए इसे शशि मंगल योग कहा जाता है। क्योंकि यह योग लग्न में हो रहा है, इसलिए पीएम को जीवन के कई पहलुओं में इस दौरान अच्छे फल मिलेंगे। जिससे उनकी बातों को लोग अच्छे से समझ पाएंगे। ऐसा भी हो सकता है कि इस दौरान विपक्ष के कुछ नेता भी उनकी बातों से प्रभावित होकर पार्टी बदल लें। पार्टी में चल रही कलह को भी वो इस दौरान सुलझा लेंगे और सबको एक साथ लेकर आगे बढ़ेंगे। हालांकि 1 मई से राहु की प्रत्यंतर दशा के शुरू होने के कारण इस दौरान उनकी अपनी ही पार्टी के कुछ नेताओं से उनका मतभेद हो सकता है, लेकिन इससे ज्यादा नुकसान होने की संभावना नहीं है। पूरे परिदृश्य में देखा जाए तो चुनावों के दौरान इससे फायदा ही होगा।
राहुल गांधी की महादशा मंगल की, अंतर्दशा बृहस्पति की और प्रत्यंतर दशा चंद्रमा की है जो कि 17 मार्च 2019 से 15 अप्रैल 2019 तक रहेगी। इसके बाद 15 अप्रैल 2019 से 5 मई 2019 तक मंगल और बृहस्पति की महादशा और अंतर्दशा के साथ मंगल की प्रत्यंतर दशा चलेगी। 5 मई 2019 से 26 जून 2019 तक मंगल और बृहस्पति की महादशा और अंतर्दशा के साथ ही राहु की अंतर्दशा चलेगी।
कुंडली में बन रहे सूर्य- मंगल अंगारक दोष का चुनावों में दिखेगा असर :
राहुल गांधी की कुंडली में मंगल, सूर्य के साथ लग्न में स्थित है। मंगल और सूर्य की युति सूर्य-मंगल अंगारक दोष का निर्माण कर रही है। इस दोष की वजह से इंसान को जिंदगी में कई बाधाओं का सामना करना पड़ता है। यही वजह है कि कांग्रेस का अध्यक्ष होने के बावजूद उनकी ही पार्टी के कई लोग उनके नेतृत्व को पसंद नहीं करते। मंगल पर शनि की दृष्टि होने की वजह से राहुल की जिंदगी में लगातार बाधाएं आने की भी संभावना हैं। अगर राहुल गांधी और नरेंद्र मोदी के महादशा ग्रहों का आकलन किया जाए तो राहुल की महादशा पीएम मोदी की महदशा से कमजोर दिखाई दे रही है।
क्या कहती है बृहस्पति की अंतर्दशा :
राहुल की अंतर्दशा का स्वामी बृहस्पति भी अच्छी अवस्था में नहीं है। क्योंकि इस पर शनि का प्रभाव पड़ रहा है और यह राहु के साथ नवपंचम दोष बना रहा है। शनि और राहु दोनों ही राहुल गांधी के लिए हानिकारक हैं। शनि के प्रभाव से हो सकता है कि राहुल गांधी राजनीतिक मोर्चे पर उतने सक्रिय न हो पाएं, जितना उनसे उम्मीद की जाती है। उनका रवैया थोड़ा ढुलमुल हो सकता है, जिसके कारण उनकी पार्टी के लोगों को ही उनसे परेशानी होगी।
चंद्रमा और राहु की स्थिति से राहुल गांधी को होगा फायदा
राहुल गांधी की कुंडली में 17 मार्च से 26 जून तक चंद्रमा, मंगल और राहु की प्रत्यंतर दशाएं चलेंगी। चंद्रमा कुंडली के छठे घर में नीच अवस्था में है और इससे भी राहुल गांधी को समस्याओं का सामना करना पड़ेगा, लेकिन दुर्बल ग्रह छठे घर में अच्छा प्रभाव देते हैं और चंद्रमा माता का कारक है इसलिए सोनिया गांधी, राहुल गांधी को विपरीत हालत से बाहर निकालने में कामयाब हो सकती हैं। साथ ही सोनिया गांधी की सलाह पाकर राहुल कोई सही और बड़ा फैसला भी ले सकते हैं। ऐसे में प्रत्यंतर दशा को देखते हुए यह कहना गलत नहीं होगा कि 2019 के लोकसभा चुनाव में सोनिया गांधी की वजह से राहुल को फायदा होगा।
राहुल गांधी की कुंडली में राहु अच्छी स्थिति में है, क्योंकि राहु कुंभ राशि में विराजमान है। इसलिए लोकसभा चुनावों में हो सकता है कि कई छोटी-छोटी सफलताएं उनको मिलें। हालांकि बड़ी सफलता प्राप्त करने के लिए उनको कड़ी मेहनत करनी पड़ेगी। जिस प्रकार से राहुल गांधी इन दिनों राजनीति में सक्रिय हैं, उनको देखते हुए लगता है कि इस बार लोकसभा चुनाव जीतने के लिए वो पूरा जोर लगा सकते हैं।
राहुल-मोदी की कुंडलियों में योग :
नरेंद्र मोदी की कुंडली में शक्तिशाली शशि मंगल योग और बुधादित्य योग विराजमान है, जो राजनीतिक सफलता के लिए शुभ है। इसलिए हो सकता है कि इस बार भी उनकी पार्टी बिना गंठबंधन के सरकार बना ले और एक बार फिर नरेंद्र मोदी भारत के प्रधानमंत्री बन जाएं।
राहुल गांधी की कुंडली में धर्म-कर्म अधिपतियोग है, लेकिन इस योग में शनि नीच अवस्था में है। इसलिए इस योग के अच्छे प्रभाव राहुल गांधी को नहीं मिल पाएंगे। हालांकि इसके बावजूद राहुल गांधी इन चुनावों में सामान्य से बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं।
निष्कर्ष : राहुल गांधी और पीएम मोदी की कुंडलियों का अवलोकन करके ये बात तो साफ हो चली है कि राहुल गांधी की कुंडली में उतने अच्छे योग नहीं हैं, जितने कि पीएम मोदी की कुंडली में हैं।
राहुल की महादशा और अंतर्दशा भी पीएम मोदी की महादशा और अंतर्दशा से दुर्बल है। जहां राहुल गांधी की प्रत्यंतर दशा अच्छी है और इसका फायदा उनको चुनावों के दौरान मिलेगा। वहीं पीएम मोदी की प्रत्यंतर दशा अच्छी नहीं है और इसी के कारण उनको चुनावों में इस बार थोड़ी बहुत चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।
कुल मिलाकर कहा जाए तो सितारों की चाल बताती है कि पीएम मोदी इस बार भी भारत के प्रधानमंत्री बन सकते हैं। जबकि राहुल गांधी को पीएम पद पर बैठने के लिए भाग्य से ज्यादा अपने कर्मों का सहारा लेना पड़ेगा।
जय ज्योतिष।