सुर्खियों में रहने वाले ओमप्रकाश राजभर का योगी कैबिनेट से इस्तीफा
चुनाव चिह्न का विवाद बना इस्तीफे की वजह
लखनऊ। एनडीए का हिस्सा रहने के बावजूद हमेशा हमलावर रहे सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने योगी आदित्यनाथ कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया है। इस्तीफे के बाद कहा कि उन्होंने 13 अप्रैल को ही इस्तीफा दे दिया था।
ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि 13 अप्रैल की रात को राज्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। जब उन्होंने (भाजपा) कहा कि आप हमारे चुनाव चिह्न पर चुनाव लड़ें, तो मैंने उनसे कहा कि हम अपने चिह्न पर ही लड़ेंगे। लेकिन, वे इसके लिए सहमत नहीं थे। इससे पहले ओम प्रकाश राजभर ने फरवरी में भी मंत्री पद से इस्तीफा दिया था, तब योगी आदित्यनाथ ने उसे स्वीकार नहीं किया था। तब उन्होंने कहा था कि जब उन्हें अपने ही विभाग से जुड़े पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग में अपने पसंदीदा लोगों को रखने का अधिकार नहीं है तो विभागीय मंत्री होने का क्या औचित्य है।
अपने वाणी से सुर्खियों में रहने वाले राजभर कई मौकों पर योगी सरकार की आलोचना कर चुके हैं। वह अक्सर बीजेपी को कई मुद्दों पर घेरते रहते हैं। राजभर ने पहले कहा था कि मैं राहुल गांधी को प्रधानमंत्री बनने के काबिल पाता हूं। अंतिम फैसला लोगों के हाथ में है और वे तय करेंगे कि भारत का अगला प्रधानमंत्री कौन होगा। गौरतलब है कि सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी ने उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव के लिए 39 उम्मीदवार भी उतारे हैं।
अभी हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा था कि जब पिछड़ों ने साथ छोड़ा तो प्रधानमंत्री अपने को अति पिछड़ी जाति का बताने लगे, लेकिन जब मैं इन अति पिछड़ों के अधिकार के बारे में बोलता था कि आजादी के बाद से अति पिछड़ा समाज अपने अधिकार से वंचित रहा है। 27 प्रतिशत आरक्षण इन अतिपिछड़ों को नहीं मिल रहा है। सामाजिक न्याय समिति की रिपोर्ट लागू करने के लिए हमने बोला, जो फाइल यूपी सरकार के पास पड़ी है, लागू होने से इनके बच्चे विकास के रास्ते पर आ जाते। लेकिन, यह बातें याद नहीं आयीं और आज अति पिछड़ों के सहारे अपना बेड़ा पार करना चाहते हैं। अब अति पिछड़ा जाग चुका है। अब धोखा नहीं खाएगा, कितना भी आप आंसू बहा लें, हिस्सा नहीं तो वोट नहीं।