[]◆धर्म का मर्म तथा पवित्र रंगपंचमी आज◆[]

-रंग पंचमी के दिन देवताओं संग खेली जाती है होली, जिससे कुंडली के बड़े से बड़े दोष का हो जाता है निवारण

■आचार्य डा. संजीव अग्रवाल मेरठरत्न एवं गौरव, वास्तु व ज्योतिष सलाहकार, मेरठ।

रंग पंचमी के दिन देवताओं संग होली खेली जाती है, इससे कुंडली के बड़े से बड़े दोष का निवारण हो जाता है, रंगों के त्योहार होली से कुछ कम नहीं होता रंगपंचमी, जिसे होली के पांचवें दिन मनाया जाता है। रंगपंचमी का त्योहार हर वर्ष होली के बाद कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है,.आज यह रंग पंचमी 22 मार्च, 2022 को मनाई जा रही है, वैदिक तथा पौराणिक मान्यता के अनुसार रंगपंचमी के दिन भगवान श्रीकृष्ण ने राधा रानी के साथ होली खेली थी।

देवताओं के रंगोत्सव में शामिल होने के कारण घर में धन- संपदा में वृद्धि होती है, इसलिए कई जगहों पर इस त्योहार को श्री पंचमी भी कहा जाता है, इस दिन विधि-विधान राधेकृष्ण के पूजन के समय उन्हें अबीर गुलाल अर्पित किया जाता है। वैसे तो इस पर्व को देश के हर हिस्से में मनाया जाता है, लेकिन इसकी सबसे ज़्यादा धूम राजस्थान, महाराष्ट्र, उत्तरप्रदेश, गुजरात और मध्यप्रदेश में देखने को मिलती है।

★क्यों मनाएंं रंगपंचमी?

रंग पंचमी के दिन होली की तरह ही गुलाल और रंगों से होली खेली जाती है, कहते हैं ऐसा करने से देवता आकर्षित होते हैं, और मनवांछित इच्छाओं को पूरा करते हैं। भारतीय मान्यताओं के अनुसार इस दिन शरीर पर रंग ना लगाकर उसे हवा में उड़ाया जाता है, जब रंग हवा में मिलते हैं तो एक ऐसा माहौल बन जाता है जिससे तमोगुण और रजोगुण का नाश हो जाता है और सतोगुण में वृद्धि होती है।

★धार्मिक मान्यता: हवा में रंग और गुलाल उड़ाने से माहौल में सकारात्मकता का संचार होता है, इसका प्रभाव व्यक्ति के जीवन, व्यक्तित्व और सोचने-समझने की क्षमता पर पड़ता है, साथ ही इससे बुरे कर्म और पाप आदि नष्ट होते हैं।
मान्यताओं के अनुसार इस दिन पूजा-पाठ करने से देवी-देवता प्रसन्न होकर भक्तों की सभी मनोकामनाओं को पूरा करते हैं, इस दिन की गई पूजा से कुंडली में मौजूद बड़े से बड़े दोष का प्रभाव कम हो जाता है।

★पूजा का है खास महत्व: इस दिन माँ लक्ष्मी की पूजा भी की जाती है, जिससे जातकों पर माँ लक्ष्मी की कृपा बरसती है, रंग पंचमी के दिन मां लक्ष्मी की भक्तिपूर्वक आराधना करने से व्यक्ति को कभी भी आर्थिक समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ता है।

जातकों को रंग पंचमी के दिन पूजा प्रारंभ करने से पहले नहाने के पानी में एक चुटकी हल्दी और गंगाजल डालकर स्नान करना चाहिए, विधिपूर्वक मां लक्ष्मी के पूजन और आरती के बाद, कलश में रखे जल को पूरे घर में छिडकें, माना जाता है कि जल की बूंदें जहाँ-जहाँ गिरती हैं, वहां-वहां माँ लक्ष्मी का वास होता है और वहां सदैव सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह रहता है, इसके अलावा रंग पंचमी के दिन पूजा के बाद नारियल पर सिंदूर डालकर इसे महादेव को अर्पित करने की भी मान्यता है।

★रंग पंचमी का शुभ मुहूर्त:

रंग पंचमी– मंगलवार, 22 मार्च, 2022,
पंचमी तिथि शुरू– 22 मार्च 2022 को सुबह 06:26:32 बजे,
पंचमी तिथि समाप्त– 23 मार्च 2022 को सुबह 04:24:06 बजे तक,
शुभ मुहूर्त – 12:04:06 से 12:52:46 तक

किस देवता को लगायें कौन सा रंग?

भगवान कृष्ण और भगवान विष्णु को पीला रंग बेहद प्रिय होता है। ऐसे में उन्हें पीले रंग के वस्त्र पहनाएं और उनके चरणों में पीले रंग का अबीर अर्पित करें।
◆माँ लक्ष्मी, बजरंगबली और भैरव महाराज को लाल रंग अर्पित करें।
◆माँ दुर्गा या मां बगलामुखी को पीले रंग का अबीर अर्पित करें।
◆सूर्यदेव को लाल रंग चढ़ाएं, आप उन्हें सिन्दूर का अर्घ्य भी दे सकते हैं।
◆शनि देव को नीला रंग बेहद प्रिय होता है, आप उन्हें नीला रंग लगाकर प्रसन्न कर सकते हैं।

जय शिव।
जय श्रीराधा गोबिंद जी महाराज।

■ इस लेख के लेखक 35 वर्ष से लेखन, टीवी तथा ज्योतिष कार्य में संलग्न हैं। मोबाइल नंबर : 9412472222

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