चुनाव प्रचार में मदद, चैनल को दोबारा शुरू करने और स्टिंग के एवज में 10 करोड़ की मांग : डॉ. महेश
दिनभर चले हाईप्रोफाइल ड्रामे के बाद रात मीडिया से रूबरू हुए केंद्रीय मंत्री
नोएडा। 10 करोड़ रुपये की वसूली की कोशिश और करीब चार घंटे तक चले हाईवोल्टेज ड्रामा के बाद पुलिस ने एक युवती को गिरफ्तार किया है। इस मामले में एक रिटायर डीएसपी और एक समाजसेविका को भी हिरासत में लेकर पूछताछ की गई। लेकिन, इन दोनों को बाद में छोड़ दिया गया। सोमवार की रात केन्द्रीय मंत्री डॉ. महेश शर्मा मीडिया के सामने आए और ब्लैकमेलिंग की कोशिश के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
डॉ. महेश शर्मा ने बताया कि वह पहले उस युवती से कभी नहीं मिले। प्रतिनिधि चैनल का मालिक आलोक से दो बार मुलाकात हुई है। उसने अपना न्यूज चैनल फिर शुरू करने के लिए मदद मांगी थी। सोमवार को आई नीशू नाम की युवती ने बताया कि उनके पास एक स्टिंग है, जिसकी एवज में दो करोड़ की मांग की।
केंद्रीय मंत्री डॉ. महेश शर्मा ने बताया कि 24 मार्च को आलोक कुमार रचना आईटी सॉल्यूशन के सीईओ रूप में मिला था। उसे एक समाजसेविका लेकर आई थी। उस समाजसेवका से मेरे 30 वर्षो से संबंध हैं। उन पर कोई आरोप नहीं लगाऊंगा। आलोक सबसे पहले 24 मार्च को मुझसे मिलने आया था। उसने चुनाव प्रचार में मदद का प्रस्ताव दिया और बाद में अपने बंद चैनल को दोबारा शुरू करने के लिए आर्थिक मदद मांगी थी। मैंने छोटे भाई अजय शर्मा से बात करने के लिए बोल दिया। उसके बाद 9 अप्रैल को आलोक का फोन आया कि जब हम मिले थे, उस दौरान एक स्टिंग आॅपरेशन किया है। उस स्टिंग के एवज में प्रतिनिधि चैनल में आप शेयर डाल दें या खरीद लें।
इसके बाद सोमवार सुबह समाजसेविका कैलाश अस्पताल आईं। सेवानिवृत्त डीएसपी केके गौतम भी यहां थे। एक लड़की मेरे भाई अजय शर्मा के आॅफिस में आई। उसने कहा कि आलोक कुमार बाहर हैं। उन्होंने मुझे भेजा है। उसने एक पत्र भी दिया। उस पत्र में लिखा था कि मुझे सोमवार शाम चार बजे तक न्यूनतम 50 लाख रुपये चाहिए और बुधवार तक पूरा दो करोड़ कैश करवा दें। इस रकम से मैं अपने तमाम व्यवस्थाओं को दुरुस्त कर लूंगा। पांच मई तक एक नई कंपनी बन जाएगी। इसमें 40 प्रतिशत शेयर आपका होगा और 60 फीसद शेयर मेरा होगा। सात से आठ करोड़ रुपये का लोन दो साल के लिए एकदम सरल शर्तो में भी मांगा गया।
पत्र में यह भी लिखा गया था कि इन शर्तों को कोई ब्लैकमेल न समझे। यह हम दोनों के लिए जरूरी है। यह पत्र मिलने की जानकारी के बाद मैं अजय शर्मा के कमरे में गया। दोपहर 1:30 बजे मैंने एसएसपी वैभव कृष्ण को फोन कर ब्लैकमेलिंग की जानकारी दी।
डॉ. महेश शर्मा ने बताया कि युवती खुफिया कैमरों से लैस होकर आई थी। पुलिस ने युवती से पूछताछ की तो उसने पूरी बातचीत अपने खुफिया कैमरे से रिकॉर्ड की। बाद में पुलिस को पता लगा तो कैमरा, मोबाइल और टैबलेट बरामद किया गया। लड़की के पास से एक टैब में कुछ रिकार्डिंग और एक रिकार्डर मिला है। लड़की से मेरा परिचय नहीं हुआ है। शायद मैं उसे नहीं पहचानता। शायद वह भी मुझे नहीं पहचानती। पुलिस ने ढाई तीन घंटे तक जांच की। मुझे बताया गया है कि तीन-चार और मंत्री का स्टिंग कर रखे हैं।