पूर्व सीएम रमेश पोखरियाल की उम्मीदवारी खतरे में!
हरिद्वार से निर्दलीय प्रत्याशी मनीष वर्मा ने लगाया जानकारी छुपाने का आरोप
हरिद्वार। अगर निर्दलीय प्रत्याशी मनीष वर्मा की आपत्तियां और आरोप जांच में सही पाए गए तो उत्तराखंड के पूर्व सीएम और मौजूदा सांसद डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक की उम्मीदवारी खतरे में पड़ सकती है।
देश में हो रहे 17वीं लोकसभा चुनाव में हरिद्वार से भाजपा प्रत्याशी व वर्तमान सांसद डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक के नामांकन पर हरिद्वार से निर्दलीय प्रत्याशी मनीष वर्मा ने गंभीर आपत्तियां दर्ज कराई है। उन्होंने रिटर्निंग आफिसर के सामने शपथ पत्र पेश कर कहा है कि डॉ. रमेश पोखरियाल ने कई जानकारियां छुपाई हैं। इसलिए उनका नामांकन रद्द किया जाए। इस बाबत जिला निर्वाचन अधिकारी ने डॉ. निशंक के वकीलों से लिखित जवाब मांगा है। निर्णय अभी लंबित है।
मूल रूप से देहरादून निवासी और हरिद्वार से निर्दलीय प्रत्याशी मनीष वर्मा ने एक शपथ-पत्र के माध्यम से कहा है कि श्रेयांशी निशंक विदेश से नौकरी छोड़कर पिछले एक वर्ष से सेना में नौकरी कर रही हैं। उनकी आय और बैंक बैलेंस नहीं दर्शाया गया है। नामांकन पत्र के साथ दी गई जानकारी में यह भी नहीं बताया गया है कि देहरादून में पूर्व मुख्यमंत्री आवास के संबंध में कुल कितनी देनदारी थी। इस तथ्य को भी छिपाया गया है कि कितनी देनदारी का भुगतान किया गया है। डॉ. निशंक ने दिल्ली स्थित सांसद निवास का प्रोविजनल नो-ड्यूज लगाया है, जो नियमानुसार प्रोविजनल नहीं होना चाहिए। मनीष वर्मा ने यह भी आरोप लगाया है कि यह स्थायी नो-ड्यूज नहीं है। फार्म-ए भी अधूरा भरा गया है। यह भी कहा है कि विदुशी निशंक के बैंक खाते में कितनी धनराशि उपलब्ध है, यह जानकारी भी छिपाई गई है।