होम्योपैथी गोलियां दर्द निवारक दवाईयों जितनी कारगार – डॉ वेदांत वर्मा

आईबीएमआर सर्वे के मुताबिक आज करीब 59% मरीज होम्योपैथिक चिकित्सा की तरफ उन्मुख हो चुके हैं।

हापुड: रेलवे रोड स्थित आर के प्लाजा रेस्टोरेंट में विश्व होमियोपैथिक दिवस मनाया गया। यह आयोजन होम्योपैथिक चिकित्सा के संस्थापक मास्टर सैमुअल हेनिमैन के जन्मदिन पर मनाया जाता है।आईबीएमआर सर्वे के मुताबिक आज करीब 59% मरीज होम्योपैथिक चिकित्सा की तरफ उन्मुख हो चुके हैं। कम कीमत और प्रभावशाली चिकित्सा इसकी मुख्य वजह है।

हापुड़ होम्योपैथिक एसोसिएशन द्वारा आयोजित कार्यक्रम में बोलते हुए, मोदी हॉस्पिटल के मुख्य होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ वेदांत वर्मा ने बताया कि त्वचा रोग, जोड़ो के रोग व पुरानी बीमारियों में होम्योपैथी चिकित्सा के बहुत बेहतर परिणाम देखे गए हैं। यहां तक कि कोविड में भी ऑक्सीजन सैचुरेशन लेवल कम होने पर इसने बहुत प्रभावशाली तरीके से कार्य किया।
डॉ वेदांत ने बताया कि आज के समय में रहन सहन के तौर तरीके बदलने की वजह से ‘ लाइफस्टाइल डिसॉर्डर ‘ से लोग ज्यादा बीमार हैं, जिसमे हमारी इम्यूनिटी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। होम्योपैथी चिकित्सा शरीर की इम्यूनिटी बढ़ाने में मददगार साबित होती है।
कार्यक्रम में डॉ संजीव वशिष्ठ, डॉ सीमा सिंह, डॉ नवीन आर्य, डॉ दिनेश शर्मा आदि उपस्थित रहे।

होम्योपैथी अब तक की सबसे नई चिकित्सा पद्धति है जो लगभग 220 वर्ष पूर्व शुरू हुई थी।

2010 में आईआईटी – बी के अध्ययन ने साबित किया कि होम्योपैथी गोलियां नेनोटेक्नोलॉजी का सटीक उदाहरण है।

अप्रैल 2014 में इंस्टीट्यूट ऑफ केमिकल टेक्नोलॉजी ने बताया कि अर्थराइटिस जैसी बीमारियों में होम्योपैथी चिकित्सा एक पेनकिलर जितना प्रभावशाली कार्य करती है।

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