जनपद की 20 फीसदी स्कूल बस में नहीं कैमरे, अब होगी कार्रवाई

जनपद की 20 फीसदी स्कूल बस में नहीं कैमरे, अब होगी कार्रवाई

अभिषेक ब्याहुत/ अमर सैनी

नोएडा। नोएडा और ग्रेनो में लगी 20 फीसदी स्कूल बस में कैमरे नहीं हैं। बीते महीनों में चलाए गए जांच अभियान में ऐसी बस पकड़ी गई हैं। परिवहन विभाग के अनुसार इनमें गौतमबुद्ध नगर के बाहर पंजीकृत बस की संख्या अधिक है। परिवहन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार नोएडा और ग्रेटर नोएडा के स्कूल-कॉलेजों की 1400 से अधिक बस पंजीकृत हैं। लगभग इतनी ही संख्या निजी ऑपरेटरों की बस की है।परिवहन विभाग के अनुसार जांच अभियान में 20 फीसदी बस ऐसी पकड़ी गई थी, जिनमें कैमरे नहीं थे। सभी निजी ऑपरेटरों की बस हैं। चालान के साथ ही बस ऑपरेटरों को कैमरे लगाने के लिए कहा गया था।

एआरटीओ प्रशासन सियाराम वर्मा ने कहा कि स्कूल बस में सीसीटीवी कैमरे अनिवार्य हैं। कैमरे यदि नहीं लगे होते हैं तो बस की फिटनेस जांच नहीं की जाती है। उन्होंने कहा कि नई बस की दो साल तक और इसके बाद प्रत्येक वर्ष फिटनेस जांच करानी अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि दूसरे जिले की नोएडा में पकड़ी जाने वाली कई बस में कैमरे नहीं मिले थे। जिन स्कूल-कॉलेजों में बस लगी है, उन्हें भी सीसीटीवी कैमरे लगवाने के बाद ही सडक़ पर चलाने के लिए कहा गया है। एआरटीओ प्रशासन ने कहा कि स्कूल बस में सभी मानकों का पालन बच्चों की सुरक्षा के लिए जरूरी है। एक भी कमी होने पर बच्चों का जीवन संकट में पड़ सकता है। वहीं एआरटीओ प्रवर्तन प्रशांत तिवारी ने कहा कि हर बस की खिडक़ी ग्रिल से पूरी तरह से कवर हो, इसका जांच अभियान में ध्यान रखा जा रहा है। ग्रिल न लगी होने से बच्चे हाथ और सिर खिडक़ी से बाहर निकाल सकते हैं और हादसे का शिकार हो सकते हैं।

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