चंडीगढ़, 13 सितंबर ( कोमल रमोला ) – हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने विगत राज्य सरकार द्वारा छोड़ी गई वित्तीय चुनौतियों पर प्रकाश डालते हुए खुलासा किया कि पिछले शासनकाल में विभिन्न सरकारी विभागों पर हजारों करोड़ रुपये का भारी कर्ज छोड़कर चली गई थी। वर्तमान बीजेपी सरकार ने सभी व्यवस्थाओं को दुरुस्त करते हुए खराब की हुई व्यवस्थाओं को पटरी पर लाने का काम किया है। मुख्यमंत्री आज यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर खनन मंत्री श्री मूलचंद शर्मा और शहरी स्थानीय निकाय मंत्री डॉ कमल गुप्ता उपस्थित थे।
विभिन्न विभागों को पुनर्जीवित करने और उन्हें विकास के पथ पर वापस लाने में वर्तमान भाजपा सरकार के अथक प्रयासों पर प्रकाश डालते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि अकेले हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण पर 61,000 करोड़ का कर्ज बकाया था, जिसमें से 42000 करोड़ रुपये किसानों की देनदारी थी और 19,000 करोड़ रुपये बैंकों का कर्ज था। हमने व्यवस्था परिवर्तन के नाते इसे ठीक करते हुए कार्य किया।
उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि वर्तमान में किसानों के बकाया 42,000 करोड़ रुपये में से हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण द्वारा 36,000 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है, केवल 6000 करोड़ रुपये की राशि शेष है। इसी प्रकार, 19,000 करोड़ रुपये बैंक के कर्ज में से 12,000 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है और शेष राशि केवल 7000 करोड़ रुपये है।
इसी प्रकार विपक्ष द्वारा पावर और एचएसआईआईडीसी जैसे विभागों में भी करोड़ों रुपए की देनदारियां छोड़ दी गई थी। अगर वर्तमान सरकार इसको ठीक ढंग से न लेती तो यह सभी विभाग दिवालिया हो जाते। उन्होंने कहा कि प्रदेश के हित में जो भी है वह हम करेंगे।
कांग्रेस के विधायक मामन खान को लेकर पूछे गए प्रश्न के उत्तर में मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पूरा मामला पुलिस के संज्ञान में है और इसे लेकर इन्वेस्टिगेशन चल रही है, जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।
एक राष्ट्र-एक चुनाव को लेकर पूछे गए प्रश्न के उत्तर में मुख्यमंत्री ने कहा कि हम इस योजना का स्वागत करते हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं आगे आकर इस विषय को लिया है। उन्होंने कहा कि करीब-करीब सभी राजनीतिक पार्टियां इसे लेकर सहमत हैं। उन्होंने कहा कि जब भी यह प्रक्रिया शुरू होगी हम इसके लिए तैयार हैं।
बढ़ते साइबर क्राइम को लेकर पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में श्री मनोहर लाल ने कहा कि देश में साइबर क्राइम के दो प्रमुख केंद्रों में जामताड़ा और पुन्हाना थे। जहां पर इस तरह के क्राइम ज्यादा थे। उन्होंने कहा कि हरियाणा पुलिस ने इसे लेकर एक प्लान बनाया, जिसके तहत 5000 पुलिसकर्मियों की फोर्स ने एक साथ 14 गांव में एक साथ रेड की। जहां सैकड़ों को गिरफ्तार किया और कुछ को पकड़ने की कार्रवाई अभी भी जारी है। उन्होंने उम्मीद जताई कि पुन्हाना एरिया में अब साइबर क्राइम दोबारा नहीं पनप पाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने कई साइबर थाने खोले हैं और इसके अलावा पुलिस स्टेशनों में साइबर डेस्क भी स्थापित किए गए हैं। साइबर क्राइम को लेकर हम पूरी तरह से गंभीर है।
मुख्यमंत्री ने नए ई-भूमि पोर्टल का किया शुभारंभ
मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने भू-मालिकों की सहमति से सरकारी परियोजनाओं के विकास के लिए जमीन खरीदने की प्रक्रिया को और आसान बनाने हेतु आज नए ई-भूमि पोर्टल का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य पारदर्शी तरीके से भू-मालिकों की सहमति से जमीन की खरीद करना है।
उन्होंने कहा कि अब किसानों के अलावा एग्रीगेटर्स भी इस पोर्टल पर जमीन देने की पेशकश कर सकेंगे। एग्रीगेटर आयकर दाता होना चाहिए और उसके पास पी.पी.पी. आईडी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पहले प्रॉपर्टी डीलर्स एंड कंसल्टेंट्स एक्ट, 2008 के प्रावधान के तहत एक एग्रीगेटर को प्रॉपर्टी डीलर के रूप में पंजीकृत किया होना चाहिए। अब हमने इस शर्त की अनिवार्यता को भी हटा दिया है।
उन्होंने कहा कि नये पोर्टल पर जमीन की पेशकश 6 माह तक मान्य रहेगी। उन्होंने कहा कि किसान स्वतंत्र रूप से या सूचीबद्ध एग्रीगेटर्स के माध्यम से अपनी जमीन की पेशकश कर सकते हैं। एग्रीगेटर्स द्वारा किए गए स्वैच्छिक प्रस्तावों के लिए न्यूनतम 10 एकड़ की पेशकश को अनिवार्य किया गया है। किसी एक भूमि मालिक द्वारा ई-भूमि पोर्टल पर की गई पेशकश आंशिक या पूर्ण हिस्सेदारी की हो सकती है। हालाँकि, यदि कोई एग्रीगेटर एक या अधिक भूमि मालिकों की सहमति या पेशकश अपलोड करता है, तो वह पेशकश प्रत्येक भूमि मालिक की भूमि के पूरे हिस्से की होनी चाहिए।
एग्रीगेटर्स को 1,000 से 3,000 रुपये प्रति एकड़ तक प्रोत्साहन दिया जाएगा
श्री मनोहर लाल ने कहा कि परियोजनाओं के लिए भूमि की खरीद के मामले में एग्रीगेटर्स को 1 प्रतिशत की दर से प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। इसके अलावा, भले ही खरीद न हो, तो भी एग्रीगेटर्स को उनके प्रयासों के लिए 1,000 से 3,000 रुपये प्रति एकड़ तक प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। शर्त यह है कि वे कुल इंडेंटेड भूमि के कम से कम 70 प्रतिशत की सहमति लाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरी प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने और समन्वय करने के लिए प्रत्येक विभाग में और जिला स्तर पर नोडल अधिकारियों की पहचान की गई है। प्रक्रिया के तहत यदि कोई भी (व्यक्ति या एग्रीगेटर) एक बार पोर्टल पर ऑफर अपलोड करता है, तो उसे नामित एजेंसी को सूचित किया जाएगा जो प्रस्तावित परियोजना के लिए संबंधित सरकारी इकाई को सूचित करेगी। इसके बाद, व्यक्ति या एग्रीगेटर द्वारा पेश की जा रही दरों पर विचार करते हुए प्रक्रिया स्वचालित मोड पर शुरू हो जाएगी। यदि दरें कलेक्टर दर की सीमा के भीतर हैं तो विभाग के प्रशासनिक सचिव व्यवहार्यता और तर्कसंगतता की जांच करने और मुख्यमंत्री की मंजूरी के बाद तुरंत इसे मंजूरी दे देंगे।
इसके अलावा, यदि दरें कलेक्टर दरों (50 प्रतिशत तक) से अधिक हैं, तो इसे मुख्य सचिव की अध्यक्षता में सचिवों की समिति के समक्ष विचार के लिए प्रस्तुत किया जाएगा। यह प्रक्रिया भी समयबद्ध है और मंजूरी का निर्णय सचिवों की समिति के स्तर पर किया जाएगा। यदि दरें कलेक्टर दरों के 50 प्रतिशत से अधिक हैं, तो प्रस्ताव मुख्यमंत्री की अध्यक्षता वाली उच्चाधिकार प्राप्त भूमि खरीद समिति को भेजा जाएगा।
उन्होंने बताया कि सामान्य मामलों में ऐसी उम्मीद है कि पूरी प्रक्रिया 3 से 6 महीने की समय सीमा के भीतर पूरी हो जाएगी। इस प्रक्रिया से पारदर्शिता के साथ-साथ भूमि मालिकों और एग्रीगेटर्स द्वारा भुगतान में देरी की शिकायतों में भी कमी आएगी।
मुख्यमंत्री ने नो-लिटिगेशन पॉलिसी-2023 पोर्टल का किया शुभारंभ
हरियाणा सरकार ने वर्ष 2011 में जिला गुरुग्राम की तहसील मानेसर के गांव कासन, कुकरोला और सहरावन में आई. एम. टी. मानेसर के विस्तार के लिए अधिग्रहित जमीन के मामले के समाधान हेतु नो-लिटिगेशन पॉलिसी–2023 बनाई है। इस संबंध में मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने आज नो-लिटिगेशन पॉलिसी-2023 पोर्टल का शुभारंभ किया है। इसका उद्देश्य उन भूमि मालिकों को लाभ प्रदान करना है जिनका नाम जिला गुरुग्राम की तहसील मानेसर के गांव कासन, कुकरोला और सहरावन की राजस्व संपदा में है तथा अवार्ड संख्या 1, 2 और 3 दिनांक 16 अगस्त, 2022 द्वारा घोषित अवार्ड की तिथि पर उनकी भूमि रिकॉर्ड में दर्ज है।
उन्होंने कहा कि उपरोक्त भू मालिक इस पोर्टल पर आवेदन करके इस नीति का लाभ उठा सकते हैं। इस नीति में शर्त यह है कि भूस्वामी 16 अगस्त, 2022 को घोषित अवार्ड के अनुसार मुआवजा स्वीकार करने के बाद अपनी भूमि के अधिग्रहण को चुनौती नहीं देंगे, और इन अवार्ड्स में घोषित मुआवजा राशि में वृद्धि की मांग नहीं करेंगे। वे किसी भी अदालत में चल रहे इस भूमि से सम्बन्धित सभी मामले वापस ले लेंगे। उन्होंने बताया कि इस भूमि के अधिग्रहण की अधिसूचना भूमि अधिनियम 1894 की धारा 4 के तहत 10 जनवरी, 2011 को अधिसूचित की गई थी।
मुआवजा राशि के अतिरिक्त भूमि मालिकों के लिए लाभ
श्री मनोहर लाल ने भू मालिकों को मुआवजा राशि के अतिरिक्त दिये जाने वाले लाभों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि अधिग्रहीत प्रत्येक एक एकड़ भूमि के लिए 1,000 वर्ग मीटर के आनुपातिक आधार पर विकसित आवासीय या विकसित औद्योगिक भूखंड आवंटित किया जाएगा। आवंटन की दर पहली फ्लोटेशन के समय निर्धारित आरक्षित मूल्य के बराबर होगी। साथ ही, आवंटित किये जाने वाले विकसित आवासीय प्लॉट का मानक आकार 100 और 150 वर्गमीटर है। इसी प्रकार विकसित औद्योगिक भूखंडों का मानक आकार 450 वर्गमीटर है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि भूमि पात्रता प्रमाण पत्र योजना बंद होने से तीन महीने की अवधि के भीतर जारी किया जाएगा। भूमि मालिकों या भूमि पात्रता प्रमाण पत्र धारकों को भूमि पात्रता प्रमाण पत्र को खरीदने या बेचने की स्वतंत्रता होगी। उन्होंने बताया कि भूस्वामी 33 वर्ष की अवधि के लिए 21,000 रुपये प्रति एकड़ प्रति वर्ष के वार्षिक भुगतान के भी हकदार होंगे। उन्होंने बताया कि भूमि पात्रता प्रमाण पत्र धारक के अनुरोध पर नोडल एजेंसी बाय-बैंक दर पर वैध भूमि पात्रता प्रमाण पत्र वापस खरीदेगी।
एचएमजाआईएस पोर्टल का किया शुभारंभ, नये वर्जन से आएगी अधिक पारदर्शिता, अवैध खनन पर लगेगी रोक
मुख्यमंत्री ने प्रदेश में अवैध खनन पर रोक लगाने के लिए चलाई जा रहे ई-रवाना पोर्टल के स्थान पर एचएमजाआईएस पोर्टल का शुभारंभ किया। इस नये वर्जन में और अधिक पारदर्शिता आएगी तथा खनन संबंधी शिकायतों पर रोक लगेगी। उन्होंने बताया कि पहले धर्मकांटा की मैनुअल एंट्री होती थी, जोकि अब स्वतः ही हो जाएगी। इससे गलत कांटे की एंट्री होने के कारण गलत ई-रवाना कटने पर अंकुश लगेगा। साथ ही, इस नये पोर्टल को राजस्व के साथ भी जोड़ा गया है, जिसके परिणामस्वरूप राजस्व में वृद्धि होगी और अवैध खनन पर भी रोक लगेगी।
इस मौके पर मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव श्री राजेश खुल्लर, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव तथा वित्तायुक्त, राजस्व श्री टीवीएसएन प्रसाद, हाउसिंग फॉर ऑल विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री राजा शेखर वुंडरू, खनन एवं भूविज्ञान विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री अरूण गुप्ता, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री वी उमाशंकर, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव तथा सूचना, जन संपर्क, भाषा एवं संस्कृति विभाग के महानिदेशक डॉ अमित अग्रवाल, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के मुख्य प्रशासक श्री अजीत बालाजी जोशी, चकबंदी एवं भू- रिकॉर्ड विभाग की निदेशक आमना तसनीम सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
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