क्यों है इस बार संकष्टी चतुर्थी का व्रत इतना खास, जानिये इस व्रत से जुड़ी सारी एहम बातें
क्यों है इस बार संकष्टी चतुर्थी का व्रत इतना खास, जानिये इस व्रत से जुड़ी सारी एहम बातें
Manisha Jha
Dharm: शास्त्रों में बुधवार का दिन भगवान गणेश की पूजा के लिए बड़ा ही विशेष माना जाता है। इस बार बुधवार यानी 7 जून 2023 को संकष्टी श्री गणेश चतुर्थी का व्रत भी रखा जाएगा। ऐसे में इस बार का संकष्टी चतुर्थी का व्रत और गणपति जी की उपासना अत्याधिक फलदायी होगी। आपको बता दें कि श्री गणेश को चतुर्थी तिथि का अधिष्ठाता माना जाता है। प्रत्येक महीने के कृष्ण और शुक्ल, दोनों पक्षों की चतुर्थी को भगवान गणेश की पूजा का विधान है। बस फर्क केवल इतना है कि कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी श्री गणेश चतुर्थी, जबकि शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को वैनायकी श्री गणेश चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है। संकष्टी श्री गणेश चतुर्थी का अर्थ होता है- संकटों को हरने वाले।
संकष्टी चतुर्थी व्रत का महत्व
भगवान गणेश बुद्धि, समृद्धि और सौभाग्य को देने वाले देवता हैं। इनकी उपासना शीघ्र फलदायी मानी गई है। कहते हैं कि जो व्यक्ति संकष्टी चतुर्थी का व्रत करता है, उसके जीवन में चल रही सभी समस्याओं का समाधान निकलता है और उसके सुख-सौभाग्य में वृद्धि होती है। इतना ही नहीं गणपति बप्पा की आराधना करने से कर्ज से भी छुटकारा मिलता है। यह व्रत सुबह से लेकर शाम को चन्द्रोदय होने तक किया जाता है। चन्द्रोदय होने पर चन्द्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही व्रत का पारण किया जाता है।
संकष्टी चतुर्थी शुभ मुहूर्त
कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि आरंभ- देर रात 12 बजकर 50 मिनट से (6 जून 2023)
चतुर्थी तिथि समापन- रात 09 बजकर 50 मिनट पर (7 जून 2023)
संकष्टी चतुर्थी व्रत- 7 जून 2023
पारण का समय
चन्द्रोदय का समय- बुधवार रात 10 बजकर 18 मिनट पर होगा
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