कांग्रेस को झटके का जवाब देने को तैयार मायावती
मध्य प्रदेश में दी कांग्रेस से समर्थन वापसी की धमकी
लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की प्रमुख मायावती मध्य प्रदेश में कांग्रेस को बड़ा झटका देने की तैयारी में हैं। मध्य प्रदेश में पार्टी के एक प्रत्याशी के ऐन वक्त पर बसपा छोड़कर कांग्रेस ज्वाइन करने से नाराज मायावती ने ट्वीट कर कांग्रेस को सार्वजनिक तौर पर धमकी भी दे दी है।
बसपा प्रमुख ने कहा कि कांग्रेस और भाजपा किसी भी मायने में सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग करने में एक-दूसरे से पीछे नहीं हैं। दोनों ने केंद्र में सरकार बनाकर अपना उल्लू सीधा किया है। मायावती ने कहा कि सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग के मामले में कांग्रेस भी भाजपा से कम नहीं। मायावती ने अपने दूसरे ट्वीट में कहा है कि यूपी में कांग्रेसी नेताओं का यह प्रचार कि बीजेपी भले ही जीत जाए, किन्तु बसपा-सपा गठबंधन को नहीं जीतना चाहिए। यह कांग्रेस पार्टी के जातिवादी, संकीर्ण व दोगले चरित्र को दशार्ता है। इसलिए लोगों का यह मानना सही है कि बीजेपी को केवल हमारा गठबंधन ही हरा सकता है। लोग सावधान रहें।
बसपा सुप्रीमो ने अपनी नाराजगी की वजह भी अपने ट्वीट में जाहिर कर दी है। उन्होंने अपने पहले ट्वीट में कहा, ‘एमपी के गुना लोकसभा सीट पर बीएसपी उम्मीदवार को कांग्रेस ने डरा-धमकाकर जबर्दस्ती बैठा दिया है। लेकिन, बीएसपी अपने सिम्बल पर ही लड़कर इसका जवाब देगी। पार्टी अब कांग्रेस सरकार को समर्थन जारी रखने पर भी पुनर्विचार करेगी।’
दरअसल, मध्य प्रदेश की गुना लोकसभा सीट पर कांग्रेस के ज्योतिरादित्य सिंधिया पांचवीं बार चुनाव लड़ रहे हैं। मायावती ने ज्योतिरादित्य को टक्कर देने के लिए गुना से लोकेंद्र सिंह राजपूत को उतारा था। कांग्रेस ने उन्हें पार्टी में शामिल कर मायावती को जोर का झटका दिया है। लोकेंद्र के पाला बदलते ही अनुमान लगाया जाने लगा था कि जल्द ही इस पर मायावती की करारी प्रतिक्रिया देखने को मिल सकती है। गुना सीट पर छठे चरण में (12 मई) मतदान होना है। यह सीट सिंधिया परिवार का गढ़ मानी जाती है। ज्योतिरादित्य सिंधिया का मुकाबला यहां भाजपा उम्मीदवार केपी यादव से है, जो कभी उनके ही करीबी हुआ करते थे।
मध्य प्रदेश विधानसभा के 230 सदस्यों में से कांग्रेस के 114 और भाजपा के 109 विधायक हैं। इसके अलावा विधानसभा में कांग्रेस को बसपा के दो, सपा के एक और चार निर्दलीय विधायकों का समर्थन हासिल है। इन्हीं के समर्थन से कांग्रेस मध्य प्रदेश में सरकार बनाने में कामयाब रही है। ऐसे में अगर बसपा मध्य प्रदेश सरकार से समर्थन वापस लेती है तो बहुत संभावना है कि गठबंधन धर्म का पालन करते हुए सपा भी समर्थन वापस ले ले, जिसका मायावती पूरा प्रयास भी करेंगी। ऐसे में मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार खतरे में पड़ सकती है।