सीवर लाइन डालते समय डूबने से दो कर्मचारियों की मौत, प्राधिकरण का जेई सस्पेंड
एनडीआरएफ के गोताखोरों ने पांच घंटे के रेस्क्यू आॅपरेशन के बाद निकाले शव
प्राधिकरण ने ठेकेदार के खिलाफ थाना-39 में दर्ज कराई एफआईआर
नोएडा। थाना सेक्टर-39 क्षेत्र के सलारपुर में गुरुवार की रात सीवर लाइन डालने का काम कर रहे दो सफाई कर्मचारी सीवर में डूब गए। सूचना पाकर रात करीब 2.15 बजे गाजियाबाद से एनडीआरएफ की टीम आई और सर्च आॅपरेशन शुरू किया। लगभग छह घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद टीम को पहली लाश ढूंढने में सफलता मिली। इस बीच, नोएडा प्राधिकरण ने ठेकेदार के खिलाफ थाना सेक्टर-39 में एफआईआर दर्ज कराने के साथ ही अपने जल खंड-एक के जेई पवन कुमार को सस्पेंड कर दिया है।
नोएडा प्राधिकरण के एसीईओ आरके मिश्रा ने बताया कि सलारपुर गांव में बीती 25 मार्च से ही प्राधिकरण सीवर लाइन डालने का काम करा रहा है। इस काम का ठेका हरिओम सिंह को दिया गया था। मालूम हुआ कि हरिओम ने यह काम आगे अख्तर नाम के किसी अन्य ठेकेदार को दे दिया था। मशीन और मजदूर दोनों की ठेकेदार के थे। उन्होंने बताया कि गुरुवार की रात भी काम चल रहा था। सीवर लाइन डालने के लिए करीब 12 फीट गहरा गड्ढा खोदा गया था। रात करीब 10.30 बजे बगल की सीवर लाइन अचानक फट गई और बड़ी मात्रा में पानी आ गया। वहां पर कई कर्मचारी काम कर रहे थे, लेकिन गड्ढे के भीतर काम कर रहे हामिद और असलम उसकी चपेट में आकर डूब गए। दोनों मूल रूप से बदायूं के रहने वाले थे और यहां जहांगीरपुरी में किराये के मकान में रहे रहे थे।
नोएडा प्राधिकरण के एसीईओ ने बताया कि सूचना मिलने पर रात करीब 11 बजे प्राधिकरण के दो इंजीनियर और कुछ अन्य अधिकारी मौके पर पहुंच गए थे। वहां उन्होंने दो बड़े पंप लगाकर पानी निकालने का प्रयास किया, लेकिन वह नाकाफी साबित हुआ।
आखिर, इस घटना के बाबत गाजियाबाद एनडीआरएफ को जानकारी देकर मदद मांगी गई। रात करीब 2.15 बजे एनडीआरएफ की गोताखोरों की टीम इंस्पेक्टर जितेंद्र यादव के नेतृत्व में मौके पर पहुंची और सफाई कर्मचारियों की तलाश शुरू की। पूरी रात टीम को कोई सफलता नहीं मिली। लेकिन, लगातार कोेशिश के बाद शुक्रवार की सुबह करीब 6.25 बजे पहली और 7.30 बजे दूसरी लाश मिली। पुलिस ने दोनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
एसीईओ ने बताया कि इस मामले में प्रथमदृष्टया लापरवाही बरतने के आरोप में नोएडा प्राधिकरण जल खंड-एक के जेई पवन कुमार को सस्पेंड कर दिया गया है। मृतकों के मुआवजे के बाबत उन्होंने बताया कि मुआवजे का प्राविधान सिर्फ प्राधिकरण के कर्मचारियों के लिए है, अनुबंध पर काम करने वालों के लिए नहीं। इसकी पूरी जिम्मेदारी ठेकेदार की है।