पारिवारिक और संपत्ति विवाद में बेटे ने पिता और दादा को उतारा था मौत के घाट

अभिषेक ब्याहुत

नोएडा। थाना दनकौर पुलिस ने डबल मर्डर का खुलासा करते हुए मृतक के बेटे को गिरफ्तार किया है। मृतक के बेटे ने संपत्ति विवाद व परिवारिक विवाद के चलते पिता को मौत के घाट उतार दिया था। वही पास में सो रहे दादा की भी डर की वजह से हत्या कर दी थी। आरोपी की निशानदेही पर घटना के समय इसके द्वारा पहने हुए खून लगे हुए कपड़े जिनको इसने धो दिया था, को बरामद किया गया है। घटना में प्रयुक्त आलाकत्ल घटना स्थल से ही पूर्व में बरामद हो चुके हैं।

एडीसीपी अशोक कुमार ने बताया कि 7 सितंबर को बल्लूखेड़ा गांव में एक निर्माणधीन स्टूडियो में दो लोगों की हत्या कर दी गई। जिसके बाद मृतक रामकुमार के बेटे द्वारा पिता रामकुमार व चचरे भाई विक्रमजीत की अज्ञात हमलावर हत्या करके को लेकर शिकायत दी गई। जिसके बाद पुलिस ने इस मामले में मुकदमा दर्ज किया और इस दोहरे हत्याकाण्ड के शीघ्र अनावरण के लिए पुलिस टीमों का गठन किया गया था।पुलिस टीम ने लोगों से पूछताछ व मोबाइल कॉल डिटेल के आधार पर हत्याकांड का खुलासा करते हुए मृतक वीर विक्रमाजीत राव के बड़े पुत्र जैसमीन को गिरफ्तार कर लिया। जैसमीन के द्वारा ही इस दोहरे हत्याकाण्ड को अंजाम दिया गया था। डीसीपी ने बताया कि
जैसमीन द्वारा दोहरे हत्याकाण्ड को अकेले अंजाम दिए जाने का इकबाल करते हुए बताया गया कि वह और उसका परिवार अपने पिता वीर विक्रमाजीत राव नोएडा में एक साथ रहता था, जहां पर उसके पिता वीर विक्रमाजीत राव द्वारा उसकी मां को प्रताड़ित व परेशान किया जा रहा था। जिसके बाद उसकी मां बच्चों को लेकर गांव आ गयी थी। उसके दादा-दादी द्वारा गांव में रहने के लिये मकान दे दिया गया था। आरोपी जैसमीन अपनी माता व बहन के साथ गांव में रहने लगा था। मृतक वीर विक्रमाजीत राव परिवार से अलग नोएडा में रहता था।

मृतक वीर विक्रमाजीत राव बना रहे थे शार्ट फिल्म

दोनों पति-पत्नी के मध्य आपसी विवाद के कारण तलाक की प्रक्रिया चल रही थी। मृतक वीर विक्रमाजीत राव कहानियां भी लिखते थे और अभी डेढ़-दो महीने से उन कहानियों पर शार्ट फिल्म बनाने के लिए गांव में पड़े अपने पैतृक घेर में एक छोटे फिल्म स्टूडियो का निर्माण करा रहे थे। जिसके निर्माण के लिए वीर विक्रमाजीत राव के द्वारा टप्पल, अलीगढ़ स्थित अपनी जमीन बेची गयी थी और जमीन से प्राप्त पैसे को स्टूडियों बनाने में और पैसे को घर में प्रयोग न करके इधर उधर खर्च कर रहा था। रक्षाबंधन के दिन बंटवारे और इन सभी बातों को लेकर मृतक वीर विक्रमाजीत राव का जैसमीन व अपनी पत्नी के साथ विवाद हुआ था, जिसके बाद से ही अपने पिता के प्रति नफरत व घृणा से भरे जैसमीन द्वारा वीर विक्रमाजीत राव को मारने की ठान ली गयी थी।

रात्रि 2 से 3 बजे के बीच वारदात को दिया अंजाम

एडिशनल डीसीपी अशोक कुमार ने बताया कि 6 सितंबर को जैसमीन को यह जानकारी थी कि वीर विक्रमाजीत राव घेर पर ही सो रहा है, तो वह परिवार के अन्य सदस्यों के सो जाने के उपरान्त रात्रि में करीब 2 से 3 बजे के मध्य घेर की दीवार फांदकर घेर में घुसा और वहां रखे फावड़े से पहले वीर विक्रमाजीत राव के चहरे, गर्दन व सिर पर वार किए गए और उसी के पास दूसरी चारपाई पर सो रहे रामकुमार के जाग जाने पर पहचान लिए जाने के डर से उसके भी सिर, गर्दन व चेहरे पर वार किए।रामकुमार को हिलता हुआ देखकर उसके जीवित बच जाने के अंदेशे से वही पास पड़ी बसूली (छोटी हथौड़ी) से मृतक रामकुमार के सिर पर कई वार किये और बसूली को घेर में बने बाथरूम के पास फेंककर दीवार फांदकर भाग गया और घर आकर खून से सने कपड़े धोकर लेट गया। फिलहाल पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है और गिरफ्तार करने के बाद उसे जेल भेज दिया गया है।

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