फुलवारीशरीफ में रामनवमी के मौके पर आयोजित जुलूस में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया

फुलवारीशरीफ में रामनवमी के मौके पर आयोजित जुलूस में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया

फुलवारीशरीफ में रामनवमी के मौके पर आयोजित जुलूस में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया

वैसे को बिहार के तीन-चार जिलों में रामनवमी के मौके पर टेंशन देखने को मिला, मगर पटना की तस्वीर आंखों को सुकून दे रही। फुलवारीशरीफ के रामनवमी जुलूस में मुसलमान भाइयों ने माथे पर टोपी और गले में चुनरी पहन कर धार्मिक एकता की मिसाल पेश की। रामनवमी के एक दिन बाद फुलवारीशरीफ में हर साल जुलूस निकाला जाता है।

इसमें हिंदू-मुस्लिम के साथ-साथ अलग-अलग समुदाय से आनेवाले लोग बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं। फुलवारीशरीफ की रामनवमी जुलूस में माथे पर टोपी पहने और कंधे पर लाल चुनरी लेकर मुस्लिम समुदाय के लोग शामिल हुए। कौमी और सामाजिक एकता का मिसाल कायम किए। रामनवमी पर हजारों की भीड़ थी, उसमें फुलवारीशरीफ नगर परिषद के सभापति आफताब आलम शामिल हुए। उनके साथ नौशाद आलम, पप्पू खान समेत कई मुस्लिम भाई सिर पर टोपी और कंधे पर चुनरी लिए जुलूस में शामिल हुए। रमजान के महीने में मुस्लिम समुदाय के लोगों का रोजा चल रहा। इस रामनवमी जुलूस में रोजेदार भी शामिल हुए। फुलवारीशरीफ के लोगों ने एक बार फिर से कौमी एकता की मिसाल पेश की। बिहार सहित दूसरे राज्यों से उपद्रवियों ने माहौल खराब करने की कोशिश की तो पटना का फुलवारीशरीफ ने संदेश दिया।

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