पीड़ित महिलाओं व बच्चों की सहायता के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी करेगा मानवाधिकार ट्रस्ट

-देश में मानवाधिकार लोगों की हैसियत देखकर मिलता है जबकि संविधान में निहित अधिकार सभी के लिए हैं एक समान

नई दिल्ली। कोरोना महामारी के दौर में जहां कई लोगों की जान चली गई। वहीं, कई लोगों की रोजी-रोटी भी चली गई। समाज के वंचित, पीड़ित, असहाय लोगों की मदद के लिए राष्ट्रीय मानवाधिकार सेवा ट्रस्ट राष्ट्रव्यापी हेल्पलाइन शुरू करने जा रहा है। इस संबंध में सोमवार को प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में आयोजित प्रेसवार्ता के दौरान ट्रस्ट के संस्थापक व अध्यक्ष अटल बिहारी बजाज ने बताया कि यह हेल्पलाइन नंबर अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस के अवसर पर दिसंबर में लॉन्च किया जाएगा। यह एक टोल फ्री नंबर होगा जो आने वाले 15 दिनों में शुरु हो जाएगा।

उन्होंने बताया कि मानवाधिकार व अन्य अधिकारों के बाबत लोग संस्था के अन्य नंबरों पर संपर्क कर सकते हैं। विभिन्न क्षेत्रों से आने वाले संस्था के बुद्धिजीवी सदस्य लोगों की मदद करेंगे। फिर चाहे लोगों को कानूनी मदद उपलब्ध करानी हो या फिर रोजगार परक प्रशिक्षण देना हो, संस्था की लीगल सेल जरुरतमंद लोगों की मदद करेगी।

राष्ट्रीय मानवाधिकार सेवा ट्रस्ट के अटल बिहारी बजाज बताते हैं कि आज के दौर में मानवाधिकार के हनन के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। सरकार, प्रशासन सहित तमाम ऐसी संस्थाऐं लोगों के मौलिक अधिकारों की रक्षा करने के लिए हैं, लेकिन उन्हें आम लोगों की दिक्कतों से कोई सरोकार नहीं है। देश में मानवाधिकार लोगों की हैसियत देखकर मिलता है जबकि संविधान में निहित अधिकार सभी के लिए एक समान है।

उन्होंने कहा, संविधान के सामने कोई छोटा बड़ा, अमीर गरीब नहीं, लेकिन यह सब किताबी बातें लगती हैं, क्योंकि आज भी कई लोगों को अपने अधिकारों की ही जानकारी नहीं है। शिक्षित समाज भी मानवाधिकार का हनन करने में पीछे नहीं है, इसलिए राष्ट्रीय मानवाधिकार सेवा ट्रस्ट समाज के अंतिम व्यक्ति तक उनके अधिकारों के बारे में न केवल जानकारी पहुंचाना चाहता है, बल्कि उनके हितों की रक्षा के लिए हर संभव मदद करने को तैयार है।

अटल बिहारी बजाज ने बताया कि कोरोना महामारी ने कई लोगों की जिंदगियां लील ली हैं। पीछे कई समस्याओं को छोड़ दिया जिसमें आजीविका कमाने की चिंता भी शामिल है। संस्था उन लोगों को ट्रेनिंग देने जा रही है जिनके परिवार में कमाने वालों की मौत हो गई। ऐसे महिलाओं को उनके स्किल के हिसाब से वोकेशनल ट्रेनिंग देने की शुरुआत करने जा रही है। रोजगार परक कोर्स जैसे सिलाई, कढ़ाई, टाइपिंग, पैकिंग, प्रबंधन जैसे कई काम की ट्रेनिंग उपलब्ध करा कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में काम करेगी संस्था।

राष्ट्रीय मानवाधिकार सेवा ट्रस्ट के महिला विंग की अध्यक्ष चंद्र प्रभा भाटिया ने बताया कि पिछले एक सालों में कोरोना के कारण देश में कई समस्याएं आई हैं। हमारी संस्था जरुरतमंद महिलाओं और बच्चों की हमेशा मदद करती रही हैं। कोरोना काल में भी कई महिलाओं की मदद की। संस्था ने 20 राज्यों में करीब 1000 से ज्यादा लोगों को ट्रेनिंग दी है। उन्होंने बताया कि सरकारी योजनाओं की जानकारी न होने के कारण लोग उनका लाभ नहीं ले पाते। ऐसे में सरकारी कोशिशें भी बेकार हो जाती है।

संस्था समाज के ऐसे वंचित, असहाय लोगों व महिलाओं की मदद के लिए हमेशा तत्पर है। वे बताती हैं कि केन्द्र सरकार ने कोरोना से पीड़ित लोगों के लिए कई योजनाएं शुरू की है। लेकिन वे योजनाएं धरातल तक नहीं पहुंच पा रही है। यह भी मानवाधिकार का मामला बनता है। पिछले एक साल में ऐसी कई महिलाएं संपर्क में आईं जिनकी मदद की गई। सबसे खास बात यह है कि कई महिलाओं को तो योजनाओं का पता ही नहीं है। इसलिए मानवाधिकार सेवा ट्रस्ट लोगों को जागरूक करेगी।

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