राशि मिलने के बाद भी यूनिफॉर्म नहीं लेने वालों से होगा हिसाब
अभिषेक ब्याहुत
नोएडा। जिले के 511 परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावकों के खाते में डीबीटी के माध्यम से 1,200 रुपये भेजे गए थे। राशि मिलने के बाद भी यूनिफॉर्म नहीं लेने वालों से हिसाब होगा। शिक्षा विभाग बिना यूनिफॉर्म के स्कूल आ रहे बच्चों से फीडबैक लेकर शासन को रिपोर्ट भेजेगा।
अधिकारियों का कहना है कि ड्रेस खरीदने के लिए अभिभावकों को प्रेरित किया जाएगा। साथ ही, कारण के आधार पर अभिभावक की रिपोर्ट तैयार की जाएगी। बता दें कि शासन स्तर से ठेका प्रथा को खत्म कर बीते दो वर्षों से बच्चों को यूनिफॉर्म और स्टेशनरी के 1200 रुपये खाते में भेजे जा रहे हैं। प्रेरणा पोर्टल के अनुसार, शैक्षणिक सत्र 2023-24 में कुल 83646 बच्चों ने नामांकन कराया है। इनमें पहले चरण में 52,710 बच्चों के खातों में पैसा भेजा जा चुका है। शेष 30 हजार से अधिक बच्चों के खाते का आधार सत्यापन और अन्य जरूरी प्रक्रिया पूरी कराई जा रही है। एक शिक्षक ने बताया कि 63 प्रतिशत अभिभावकों के खाते में पैसा जाने के बाद भी बच्चे ड्रेस पहनकर नहीं आ रहे। इन बच्चों से ड्रेस न पहनने का कारण पूछा जाएगा। उनके फीडबैक के आधार पर रिपोर्ट बनाकर शासन को भेजी जाएगी। निरीक्षण में यह भी परखा जाएगा कि विद्यालयों में नामांकन, उपस्थित बच्चों की औसत स्थिति, कितने बच्चे यूनिफॉर्म पहनकर आ रहे और कितनों के पास स्कूल बैग है, सब डाटा एकत्र किया जाएगा।
ड्रेस के पैसे बीते वर्ष किस्त में कट गए थे
पिछले वर्ष कई ऐसे मामले सामने आए थे, जब बच्चों के खाते में गए यूनिफॉर्म के पैसे अभिभावकों द्वारा लिए गए लोन की किस्त में कट गए थे। इसके अलावा कुछ अभिभावकों के पैसे खाते में न्यूतनम राशि होने के कारण बैंक द्वारा काट लिए गए। अधिकारियों के अनुसार, कुछ ऐसी भी जानकारी मिली है कि कुछ अभिभावक यूनिफॉर्म के पैसों से शराब पी गए थे। तुगलपुर उच्च प्राथमिक विद्यालय में करीब दस से अधिक बच्चों ने स्कूल आकर शिक्षकों को यही कारण बताए थे। अधिकारियों ने बताया कि अन्य और कारण सामने आए हैं।
वर्जन
बच्चों को यूनिफॉर्म पहनाकर भेजने के लिए शिक्षक अभिभावकों को प्रेरित कर रहे हैं। विद्यालयों में शत प्रतिशत उपस्थिति के साथ बच्चे बस्ता लेकर स्कूल पहुंचे, इसके लिए प्रयास शुरू कर दिए गए हैं।
-ऐश्वर्या लक्ष्मी, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी
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