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स्नाइपर की गोली भी नहीं करेगी असर, डीआरडीओ की जैकेट पर विश्व की नजर

- सैनिकों को भारी भरकम बुलेटप्रूफ जैकेट की जगह मिलेगी हल्की आराम दायक जैकेट की सुविधा

नई दिल्ली. 24 अप्रैल (टॉप स्टोरी न्यूज़ नेटवर्क ): अक्सर 1000 मीटर की दूरी से हमला करने वाले दुश्मन के स्नाइपर अब 20 मीटर की दूरी से भी भारतीय सैनिकों का बाल -बांका नहीं कर सकेंगे। दरअसल, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ने एक ऐसी बुलेटप्रूफ जैकेट तैयार की है जिस पर 7.62 कैलिबर की गन से दागी गई गोलियां भी असर नहीं करेंगी। यह न सिर्फ अबतक की सबसे अभेद्य स्वदेशी जैकेट है बल्कि वजन के मामले में दुनिया की सबसे हल्की बुलेट प्रूफ जैकेटों में भी एक है।

रक्षा मंत्रालय के मुताबिक इस बुलेट प्रूफ जैकेट का विकास रक्षा सामग्री और भंडार अनुसंधान और विकास प्रतिष्ठान (डीएमएसआरडीई) कानपुर ने किया है। वहीं, परीक्षण ‘टर्मिनल बैलिस्टिक रिसर्च लेबोरेटरी’ (टीबीआरएल) चंडीगढ़ में किया गया है। परीक्षण के दौरान भारत मानक ब्यूरो के क्लास 6 (बीआईएस 17051-2018) के लिए निर्मित कठोर मानकों के तहत डीआरडीओ की बुलेट प्रूफ जैकेट पर करीब 20 मीटर की दूरी से 7.62 कैलिबर की गन से छह गोलियां दागी गईं। मगर एक भी गोली जैकेट को भेद नहीं सकी। परीक्षण सफल होने के बाद उम्मीद जताई जा रही है कि बीआईएस लेवल 6 बुलेट प्रूफ जैकेट जल्द ही भारतीय सेना को मुहैया कराई जाएगी। यानी छिपकर अपने लक्ष्य को भेदने वाले दुश्मन के स्नाइपर की गोली अब भारतीय सैनिकों को नुकसान नहीं पहुंचा सकेगी। फिलहाल, सेना बीआईएस लेवल 5 बुलेट प्रूफ जैकेट का इस्तेमाल कर रही है।

डीआरडीओ का कहना है कि यह बुलेट प्रूफ जैकेट पूरी तरह से स्वदेशी है। इसे पॉलिमर बैंकिंग और मोनोलिथिक सिरेमिक प्लेट से तैयार किया गया है। इस जैकेट की खास बात है कि इसे स्नाइपर की 6 गोलियां भी भेद नहीं सकीं। यह मोनोलिथिक सिरेमिक में अपनी तरह का पहला जैकेट है जो 6 7.62×54 एपीआई गोलियों को रोक सकता है। जैकेट का इन-कंजक्शन (आईसीडब्ल्यू) और स्टैंडअलोन डिजाइन सैनिकों को किसी भी तरह की गोलियों से सुरक्षा प्रदान करेगा। यह दुनिया की सबसे हल्की बुलेट प्रूफ जैकेट में से एक है जो अपने कम वजन के चलते सैनिकों के लिए काफी आरामदायक साबित होगी। गौरतलब है कि भारतीय मानक ब्यूरो 14 से अधिक वर्गों में निर्मित उत्पादों की गुणवत्ता, सुरक्षा और विश्वसनीयता सुनिश्चित करता है। यह अब तक 20 हजार से ज्यादा मानक तैयार कर चुका है।

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