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बच्चे को टीका लगवाइए , खसरा -रूबेला से बचाइए

- 9 -15 महीने की उम्र में पहला टीका और 15 महीने से 6 साल की उम्र में दूसरा टीका जरुरी

नई दिल्ली, 26 अप्रैल (टॉप स्टोरी न्यूज नेटवर्क): छोटे बच्चों को खसरा और रूबेला से बचाने के लिए टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है, जो अत्यधिक संक्रामक वायरल रोग हैं। खसरा और रूबेला का कोई इलाज नहीं है, लेकिन टीकाकरण से दोनों बीमारियों को रोका जा सकता है। इस संबंध में केंद्र सरकार देशभर में मीजल्स-रूबेला वैक्सीनेशन प्रोग्राम चला रही है ताकि खसरा और रूबेला जैसे रोगों की रोकथाम की जा सके और छोटे बच्चों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाया जा सके।

लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज के प्रोफेसर और वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉ शालू गुप्ता के मुताबिक खसरा और रूबेला टीके की पहली खुराक आम तौर पर 9 महीने से 15 महीने की उम्र के बच्चों को दी जाती है। वहीं, दूसरी खुराक 15 महीने से 6 साल की उम्र में, खुराक के बीच कम से कम चार सप्ताह का अंतर रखा जाता है। खसरे से पीड़ित बच्चे को बुखार के साथ बदन दर्द और सूजन जैसी समस्या हो सकती है। इसके उपचार के लिए स्वयं कोई दवा न लेकर डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।

उन्होंने बताया कि अब तक रूबेला का कोई मामला सामने नहीं आया है लेकिन अतिरिक्त सतर्कता के तौर पर टीकाकरण जरूरी है। यह खसरे के टीके के साथ ही लगाया जाता है। यह टीका सभी सरकारी अस्पताल में मुफ्त उपलब्ध है। इसके अलावा बच्चों को टीका लगवाने के लिए आशा कार्यकर्त्ता, एएनएम दीदी या आंगनवाड़ी कार्यकर्त्ता से भी संपर्क किया जा सकता है।

भारत में खसरा
खसरा या मीजल्स एक वायरल बुखार है जो हवा के जरिए फैलता है और सबसे पहले फेफड़ों पर अटैक करता है। बच्चों पर खसरे का बुखार सबसे तेजी से अटैक करता है। साल 2021 में दुनिया के करीब 22 देशों में खसरा के मरीज पाए गए थे, जो टीकाकरण अभियान में सुस्ती के चलते 37 देशों तक पहुंच गए हैं।

भारत में रूबेला
भारत में रूबेला से मौत की जानकारी नहीं मिली है, लेकिन रूबेला एक अत्यधिक संक्रामक विषाणु जनित रोग है, जो छोटे बच्चों की मौत का मुख्य कारण है। यह रोग आर्थिक रूप से कमजोर पृष्ठभूमि के बच्चों के लिए खास तौर पर खतरनाक है। रूबेला के कारण अंधापन, इंसेफेलाइटिस, दस्त, कान के संक्रमण, और निमोनिया जैसी गंभीर जटिलताएं हो सकती हैं।

अमेरिका में नहीं है खसरा-रूबेला
खसरा और रूबेला के टीके विश्व स्तर पर और कई दशकों से उपयोग में हैं लेकिन यह अब भी विश्व के अनेक देशों में एक बड़ी समस्या बना हुआ है। हालांकि, अमेरिकी क्षेत्र ने बच्चों को खसरा और रूबेला के टीके लगाकर खसरा और रूबेला को खत्म कर दिया है।

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