स्वास्थ्य

अब शुगर की जांच सांसों से होगी, नहीं होगी उंगली से खून का सैंपल लेना

डायबिटीज से आज तेजी से बढ़ती समस्या है. WHO के मुताबिक, पूरी दुनिया में 422 मिलियन लोग डायबिटीज की चपेट में हैं. डायबिटीज मरीजों को दिन में कई बार अपना ब्लड शुगर टेस्ट करना पड़ता है. इसके लिए उन्हें अपनी उंगली में सुई चुभोकर ब्लड सैंपल लेना पड़ता है, जिसमें काफी दर्द भी होता है. इस दर्द को कम करने के लिए एक ऐसी डिवाइस आ रही है, जिसकी मदद से आपकी सांसों से ही ब्लड शुगर लेवल चेक (Blood Sugar Monitor) हो जाएगी. इसका नाम ई-नोज है, जो सांस से ग्लूकोज लेवल को चेक कर सकता है. यह सस्ता और अच्छा रिजल्ट देने वाला है. IEEE सेंसर्स जर्नल में 7 जून,2022 को पब्लिश एक स्टडी में ई-नोज (e-Nose) के बारें में बताया गया है.
किस तरह काम करता है e-Nose
ई-नोज एक ऐसा डिवाइस है, जो रियल टाइम में हवा में केमिकल्स का पता लगाते हैं और उनका एनालिसिस कर सकता है. जिससे हाथ में मौजूद पदार्थ के बारें में पता चलता है. इस डिवाइस को कई तरह के काम के लिए डिजाइन किया जा रहा है. जिसमें अच्छी व्हिस्की को सूंघना, फसलों की निगरानी करना और लंग्स कैंसर का पता लगाना शामिल है.
क्या कहते हैं रिसर्चर
जॉर्ज मेसन यूनिवर्सिटी के इलेक्ट्रिकल और कंप्यूटर इंजीनियरिंग प्रोफेसर किलियांग ली ने इस तरह की डिवाइस बनाई है. उनका कहना है कि सांस के साथ ग्लूकोज बाहर नहीं आता है लेकिन सांस छोड़ते समय एसीटोन और अन्य कीटोन की कंसट्रेशन डायबिटीज समेत ह्यूमन मेटाबॉलिज्म कंडीशन से जुड़ी होती है। ली ने बताया कि ‘डायबिटीज मरीजों के दर्द और खतरे को कम करने के लिए, हमने सुरक्षित, बिना दर्द वाला, सस्ता और बार-बार ब्लड शुगर टेस्ट करने वाली डिवाइस ई-नोज तैयार की है, जो छोड़ी गई सांस की गंध की पहचान करने के लिए बनाया गया है. जिसमें एसीटोन और अन्य कीटोन का एक निश्चित स्तर होता है. यह गंध खून में ग्लूकोज लेवल का इंडिकेटर है.’
कितना सटीक ई-नोज
किलियांग ली की टीम ने जो ई-नोज बनाया है, उसमें 12 अलग-अलग केमिकल सेंसर और एक माइक्रोप्रोसेसर शामिल है. जब ई-नोज छोड़ी गई सांस को सूंघता है तो केमिकल सेंसर माइक्रोप्रोसेसर को इलेक्ट्रिकल रिएक्शन भेजेंगे, जो उन्हें डिजिटली  डिजिटली प्रॉसेस करता है. चीन की मेडिकल यूनिवर्सिटी के श्वसन विभाग के प्रोफेसर डॉ. जियांगडोंग झोउ ने बताया कि ‘ई-नोज डेटाबेस के साथ डिजिटल जानकारी का विश्लेषण कर ग्लूकोज लेवल की सटीक जानकारी देगा.’
ई-नोज की टेस्टिंग कैसे हुई
इस स्टडी में 41 लोगों से ग्लूकोज लेवल के साथ सांस के सैंपल जमा किए गए और मशीन-लर्निंग एल्गोरिदम की एक सीरीज के साथ ई-नोज को बेहतर बनाने के लिए एक डेटा का इस्तेमाल किया गया. इसके रिजल्ट में पाया गया कि यह सांस 90.4% सटीकता और ब्लड शुगर लेवल में 0.69 मिलीमोल प्रति लीटर की औसत गलती मिली. ली ने बताया कि यह सिस्टम सीधे ब्लड से ग्लूकोज लेवल की जांच नहीं करती है. इसके कई फायदे हैं. इससे दर्द कम होगा और खर्चा भी कम आएगा. यह डायबिटीज के मरीजों में ग्लूकोज लेवल की सही जानकारी के लिए बनाया गया है.

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