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खाड़ी देशों में नौकरी लगवाने के नाम पर ठगी करने वाले महिला सहित 11 गिरफ्तार

खाड़ी देशों में नौकरी लगवाने के नाम पर ठगी करने वाले महिला सहित 11 गिरफ्तार

अमर सैनी

नोएडा। खाड़ी देशों में भेजकर वहां पर नौकरी लगवाने का झांसा देकर ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश करते हुए सेक्टर-126 पुलिस ने 11 लोगो को गिरफ्तार किया है। इनके कब्जे से भारी संख्या में पासपोर्ट, मोबाइल, आधार कार्ड, नगदी समेत अन्य दस्तावेज बरामद हुए हैं। गिरोह में कई अन्य आरोपियों के शामिल होने की भी आशंका जाहिर की जा रही है। ये लोग अब तक 1000 से ज्यादा लोगों से ठगी कर चुके हैं। एनसीआर में ये करीब 4 साल से सक्रिय थे और ये लोग नोएडा के सेक्टर-132 में अर्बटेक ट्रेड सेंटर में ईको एन्टरपाइजेज नाम से कंपनी ऑपरेट कर रहे थे।
नोएडा जोन डीसीपी विद्या सागर मिश्र ने बताया कि इन लोगों ने आपस में मिलकर एक संगठित गिरोह बनाया। इनका मकसद जल्द से जल्द अमीर बनने का था। इसलिए इन लोगों ने एक फर्जी कॉल सेंटर खोला। इस कॉल सेंटर को ईको एन्टरपाइजेज कंपनी का नाम दिया। कंपनी का प्रचार ऑनलाइन प्लेटफार्म फेसबुक, इंस्टाग्राम, टेलीग्राम आदि के जरिए किया। इस प्रचार पर विश्वास कर आम नागरिक कंपनी द्वारा दिये गये हेल्पलाइन नंबर पर कॉल कर जानकारी करते हैं। जिस पर ये लोगों को अपने जाल में फंसाकर विदेश भेजने और वहां अच्छी नौकरी दिलवाने के नाम पर हवाई यात्रा का खर्चा, वीजा का खर्चा व नौकरी दिलवाने का कमीशन के नाम पर उनसे पैसे ले लेते है। दस्तावेज के नाम पर उनके मूल पासपोर्ट, अन्य दस्तावेज व फोटो आदि ले लेते है। अभियुक्तों द्वारा फर्जी अपॉइंटमेंट लेटर तैयार करके असली बताकर उन्हें दे देते है। ये लोग व्यक्ति से करीब 80 हजार रुपए तक वसूल करते थे। इनकी पहचान समीर शाह, नन्द किशोर, मुश्ताक खान, मोहम्मद अली अख्तर, मोहम्मद एजाज अहमद, इंद्रजीत दास, मोहम्मद नाजिम,मोहम्मद एजाज, एजाज अहमद, किशोर प्रसाद और एक महिला ठग नजराना पत्नी जियर खान हुई है। इनको कॉल सेंटर से ही गिरफ्तार किया गया। डीसीपी ने बताया कि ये लोग संगठित रुप से जगह-जगह घूम-घूमकर अपनी कंपनी का नाम बताकर विदेश में नौकरी दिलवाने के नाम पर सीधे लोगों से पैसे की ठगी कर लेते हैं। इस तरह के काम से जो भी पैसा इकट्ठा करते हैं, उसे आपस में बांट लेते है। पकड़े न जाए इसके लिए ये अपना नाम बदलकर लोगों के सामने आते हैं। जैसे समीर अपना फर्जी नाम एस. खन्ना, नन्द किशोर प्रसाद अपना फर्जी नाम अमित, मुश्ताक खान अपना फर्जी नाम जेम्स बताकर लोगों के बीच आते थे।

पैसे मिलने के बाद बुलाते थे एक स्थान पर
पैसे मिल जाने के बाद ये लोग विदेश जाने वाले सभी लोगों को एक ही दिन और एक स्थान पर बुलाते थे। इन सभी फोन पर बताया जाता था कि एजेंट एयरपोर्ट पर आपके पासपोर्ट, वीजा, टिकट और जिस देश में जा रहें है उस देश की करेंसी के साथ मिलेगा। जब लोग विदेश में नौकरी की चाह लेकर एयरपोर्ट पहुंचते हैं। तब कंपनी का कोई भी आदमी नहीं मिलता। इस पर जब लोग इनके दिए दिए मोबाइल नंबर और ऑफिस में संपर्क करने की कोशिश करते हैं। मोबाइल व आफिस बंद मिलते हैं।

नाम और पहचान छिपाकर बेरोजगार लोगों से मिलते फिर फंसाते
डीसीपी ने बताया कि ये लोग संगठित रुप से जगह-जगह घूम-घूमकर अपनी कंपनी का नाम बताकर विदेश में नौकरी दिलवाने के नाम पर सीधे लोगों से पैसे की ठगी कर लेते हैं। इस तरह के काम से जो भी पैसा इकट्ठा करते हैं, उसे आपस में बांट लेते है। पकड़े न जाए इसके लिए ये अपना नाम बदलकर लोगों के सामने आते हैं। जैसे समीर अपना फर्जी नाम एस. खन्ना, नन्द किशोर प्रसाद अपना फर्जी नाम अमित, मुश्ताक खान अपना फर्जी नाम जेम्स बताकर लोगों के बीच आते थे।

755 नियुक्ति पत्र मिले
यही नहीं अपनी सही फोटो के साथ फर्जी नाम, पता और फर्जी नंबर के आधार कार्ड तैयार कर आवश्यकता अनुसार लोगों के सामने असली लोगों को पेश करते हैं। ताकि उन लोगों का विश्वास जीतकर उन्हें आसानी से ठगा जा सके। इनके पास से 755 फर्जी नियुक्ति पत्र मिले। जिससे साफ है कि ये लोग हजारों लोगों को ठगी का शिकार बना चुके हैं।

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