आज का अध्यात्म ज्ञान: संसार की आसक्ति दुःख एवं विपत्ति की जननी है: आचार्य निराला महाराज

आज का अध्यात्म ज्ञान: संसार की आसक्ति दुःख एवं विपत्ति की जननी है: आचार्य निराला महाराज

व्यास- आचार्य निराला महाराज

फर्रुखाबाद-उ० प्र०: संसार की आसक्ति दुःख एवं विपत्ति की जननी है वस्तु,व्यक्ति अथवा क्रिया से होने वाला सुख ही दुःखो का कारण है। सुख के भोगी को अवश्य दुःख भोगना पड़ता है। यह प्रकृति का अकाट्य नियम है। विषयो का चिंतन जगत के रूप सौंदर्य में उत्कृष्ट कर देता है तथा प्राणी को तेज़ हीं बना देता है। विषय विष पिने वाले क्या कभी सच्चे सुख के अधिकारी बने .विडम्वना है जगत में हर प्राणी शाश्वत आनंद के अन्वेषण में लगा हुआ है इसलिए भटक रहा है। वासनाये आएँगी उनका निरोध करते हुए भगवत चिंतन करते रहना चाहिए। जगत को जानने से कुछ कुछ भी हस्तगत होने वाला नहीं स्वयं को जानने से ही निश्चित सत्य हित होगा।

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