आज का अध्यात्म ज्ञान: आध्यात्मिक जीवन ही सर्वोच्च जीवन है-आचार्य निराला महाराज

आज का अध्यात्म ज्ञान: आध्यात्मिक जीवन ही सर्वोच्च जीवन है-आचार्य निराला महाराज

व्यास- आचार्य निराला महाराज

फर्रुखाबाद-उ० प्र०: आध्यात्मिक जीवन ही सर्वोच्च जीवन है। आध्यात्म संज्ञा का अभिप्राय आत्मनुभूति है। शरीरगत चेतना जिसे जीवात्मा कहा जाता है। मानव पिंड में चेतना की सर्वाधिक अभिव्यक्ति के कारण ही मानव को व्यक्ति संज्ञा मिली ,आत्मसत्ता में प्रवेश ही वास्तविक आध्यात्मिकता है। वही व्यक्ति स्वस्थ है जो अधिकाधिक आत्मा के पास रहता है तभी उसमे पवित्रता आती है। पवित्रता बुद्धि में विवेक को प्राप्त कराती जिससे उसकी वासनाये धीरे धीरे समाप्त हो जाती है। अन्तः करण निर्मल हो जाता है फलतः वही व्यक्ति व्यक्तित्ववान बन कर स्वरूपा नन्द का अनुभव कर शान्ति को प्राप्त कर लेता है। निरंतर अभ्यास द्वारा खोई हुई मंज़िल हस्तगत हो जाती है। यही मानव जीवन की सच्ची सार्थकता है।

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