विद्युत नियामक आयोग ने यूपी पॉवर कारपोरेशन लिमिटेड को नोटिस किया जारी
अभिषेक ब्याहुत
नोएडा। जिले के ग्रामीण उपभोक्ताओं से शहरी दर पर बिल वसूली का मामला विद्युत नियामक आयोग में पहुंच गया। विद्युत नियामक आयोग ने इसे लेकर उत्तर प्रदेश पॉवर कारपोरेशन लिमिटेड को नोटिस जारी किया। जवाब दाखिल करने के लिए उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (यूपीपीसीएल) ने और समय मांगा है।
एलएमवी-वन के सप्लाई टाइप-10 और 11 में शहरी क्षेत्र में बिजली का बिल तैयार किया जाता है। इसमें शुरुआत में पांच रुपये प्रति यूनिट की दर से बिल तैयार होता है। एलएमवी-वन के सप्लाई टाइप-17 में ग्रामीण क्षेत्र में बिजली का बिल तैयार किया जाता है। इसमें साढ़े तीन रुपये प्रति यूनिट की दर से बिल तैयार होता है। जिले में भी सप्लाई टाइप बदलकर ही बिजली का बिल वसूला जा रहा है। इस मामले में राज्य विद्युत नियामक आयोग ने संज्ञान लेते हुए 29 अगस्त को यूपीपीसीएल से 10 दिनों के भीतर रिपोर्ट मांगी थी। एक महीने बीत जाने के बाद भी यूपीपीसीएल ने जवाब दाखिल नहीं किया। अब कॉरपोरेशन ने इसके लिए और समय मांगा है। राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने कहा कि इस मामले में जिस तरह से बिजली कंपनियां देर कर रही हैं, आयोग को बिजली कंपनियों के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई करनी चाहिए। ग्रामीण विद्युत उपभोक्ता अधिक बिजली का बिल दे रहे हैं। परंतु उनकी कोई सुनवाई करने वाला नहीं है। इससे विद्युत निगम की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठ रहे हैं।
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